नई दिल्ली । छोटे कंपनियों के शेयरों ने चालू वित्त वर्ष में अब तक निवेशकों को अधिक प्रतिफल या रिटर्न दिया है। इन कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन बड़ी कंपनियों की तुलना में बेहतर रहा है।
चालू वित्त वर्ष में अब तक बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स (छोटी कंपनियों के शेयर का सूचकांक) 7,333.47 अंक यानी 35.51 प्रतिशत उछल चुका है, जबकि मिडकैप (मझोली कंपनियों के शेयर का सूचकांक) 5,096.41 अंक यानी 25.25 प्रतिशत चढ़ा है।
इसकी तुलना में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 9,797.78 अंक यानी 19.78 प्रतिशत चढ़ा है।
ट्रेडिंगो के संस्थापक पार्थ न्यति ने कहा, “हम एक संरचनात्मक तेजड़िया बाजार में हैं जहां मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का प्रदर्शन बेहतर होता है और हम देख रहे हैं कि ऐसा ही हो रहा है। व्यापक बाजार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन का दूसरा कारण खुदरा निवेशकों की मजबूत भागीदारी है और इसमें प्रौद्योगिकी से मदद मिल रही है। इससे देशभर में शेयर बाजार की पैठ बढ़ाने में मदद मिल रही है।”
उन्होने कहा, “अगर हम वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही को देखें तो हम विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं, जो कि बड़ी कंपनियों के शेयरों के छोटी कंपनियों की तुलना में खराब प्रदर्शन का एक और कारण है। हालांकि, कुल मिलाकर भारतीय शेयर बाजारों का प्रदर्शन वैश्विक शेयर बाजारों की तुलना में काफी बेहतर है।
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