गंगा जलस्तर बढ़ने से काशी कॉरिडोर परियोजना में हो रही देरी

वाराणसी । वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में गंगा नदी में बढ़ते जल स्तर के कारण और देरी हो रही है।

परियोजना को पूरा करने की समय सीमा नवंबर अंत तक थी।

संभागीय आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि 700 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट का 80 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। कॉरिडोर क्षेत्र में प्रस्तावित अधिकांश भवन परिष्करण और आंतरिक कार्य पूरे जोरों पर चल रहे हैं। लेकिन गंगा के जल स्तर ने काम में बाधा डाली है।

गंगा के स्तर बढ़ने से परियोजना को क्रियान्वित करने वाली कंपनी को रिवरफ्रंट पर काम फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई है, जो मणिकर्णिका, जलासेन और ललिता घाटों सहित कई घाटों से सीधे काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंच प्रदान करेगा।

गंगा ने जुलाई में खतरे के निशान को पार किया था, जिसके बाद एक बार फिर सितंबर से स्तर बढ़ गया था।

उत्तराखंड की पहाड़ियों में भारी बारिश के बाद 22 अक्टूबर से जल स्तर फिर से बढ़ गया है।

केंद्रीय जल आयोग (मध्य गंगा मंडल) के शनिवार के दैनिक बाढ़ बुलेटिन के अनुसार, गंगा का जल स्तर 64.86 मीटर तक पहुंच गया है।

अधिकारियों ने कहा कि फाफामऊ, प्रयागराज और मिजार्पुर में जल स्तर स्थिर हो गया है, जिससे आगे बढ़ने की संभावना कम हो गई है। नदी का पानी घाटों के ऊपर तक है, वहीं गंगा आरती के स्थल को भी ऊपर की ओर स्थानांतरित कर दिया गया है।

काशी धाम परियोजना का काम तब तक तेज गति से जारी था जब तक कि कोविड-19 का प्रकोप शुरु नहीं हुआ था।

इस प्रकार, परियोजना की समय सीमा, जिसे शुरू में अगस्त 2020 के रूप में तय किया गया था, को संशोधित किया गया था और नया लक्ष्य नवंबर अंत था।

अधिकारियों ने कहा कि मणिकर्णिका, जलासेन और ललिता घाट पर जेट्टी और इसकी रिटेनिंग वॉल का निर्माण इस साल जून में मानसून सक्रिय होने से पहले पूरा हो गया था, लेकिन गंगा के जल स्तर में वृद्धि से बनी ताजा बाधा ने रैंप के निर्माण के काम में बाधा उत्पन्न की है। जलासेन प्रवेश द्वार से मणिकर्णिका गेट, गंगा व्यू गैलरी, कैफेटेरिया और सार्वजनिक उपयोगिताओं को बाद में इस परियोजना के साथ जोड़ा गया है।

 

 

 

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