भारतीय पिचें तेज गेंदबाजों के लिए क्यों होती हैं चुनौतिपूर्ण ?

सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने कहा है कि भारतीय पिचों पर तेज गेंदबाजों की भूमिका अक्सर रन बचाने की होती है और विकेट लेने की नहीं। इंडियन प्रीमियर लीग 2021 (IPL 2021) के स्थगित होने के बाद 28 वर्षीय कमिंस भारत से लौटे हैं और फिलहाल क्वारंटाइन में हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय पिचों पर गेंदबाजी करना एक चुनौती है, जिससे एक तेज गेंदबाज को तालमेल बिठाना पड़ता है।

आइपीएल में में कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज कमिंस ने कहा, ‘मेरी राय दुनियाभर के कई बल्लेबाजों से थोड़ी अलग है। कभी-कभी भारतीय पिचें स्पिन के अनुकूल होती हैं। अगर ऐसा नहीं होता, तो वे काफी सपाट होती हैं। आपको ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका की तरह गति या इंग्लैंड की तरह सीम नहीं मिलती है। यह एक चुनौती है। आपको थोड़ा बदलाव करना पड़ता है। हो सकता है कि आपका लक्ष्य यह हो कि यदि विकेट मिलना संभव नहीं हैं, तो रनों पर अंकुश लगाए। यह थोड़ा अलग है।’

स्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में नंबर 1 पर काबिज तेज गेंदबाज ने भारत में सिर्फ दो टेस्ट खेले हैं और आठ विकेट लिए हैं। भारत में उनका औसत उन पांच देशों में सबसे खराब है, जहां उन्होंने टेस्ट क्रिकेट खेला है। भारत में उनका औसत 30.25 है, जो बांग्लादेश में उनके 29 (दो टेस्ट में छह विकेट) से थोड़ा बेहतर है। भारत और बांग्लादेश में उनके अच्छा प्रदर्शन न करने का एक कारण यह भी हो सकता है कि 2017 में वे टेस्ट खेलने आए थे, जब वह चोट से उबरने के बाद वापसी कर रहे थे। उन्होंने साढ़े पांच साल बाद 2017 में चार टेस्ट मैच खेले। हालांकि, आइपीएल में भी में गेंद से उनके अप्रभावी प्रदर्शन से पता चला कि उन्हें  उपमहाद्वीप में अच्छा प्रदर्शन करने का तरीका खोजने की जरूरत है। उन्होंने आइपीएल 2020 में 14 मैचों में 12 विकेट और स्थगित आइपीएल 2021 में सात मैचों में नौ विकेट लिए। इसे लेकर उन्होंने कहा कि वे निराश हैं।

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