उप्र विधानसभा चुनाव के लिए सपा और सुभासपा ने किया गठबंधन का ऐलान

मऊ (उत्तर प्रदेश) । समाजवादी पार्टी (सपा) और उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के राजभर मतदाताओं में अच्छा-खासा प्रभाव रखने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने आगामी राज्य विधानसभा चुनाव गठबंधन कर लड़ने का बुधवार को औपचारिक ऐलान किया। साथ ही, दोनों दलों ने राज्य में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ ‘खदेड़ा होवे’ का आह्वान किया।

सुभासपा द्वारा अपने 19वें स्थापना दिवस के मौके पर यहां आयोजित ‘वंचित, पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक भागीदारी महापंचायत’ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सुभासपा के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने हालिया पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा दिए गए ‘खेला होबे’ के नारे की तर्ज पर आगामी उप्र विधानसभा चुनाव के लिए ‘खदेड़ा होवे’ का नारा दिया।

महापंचायत के मुख्य अतिथि अखिलेश ने राज्य के दलितों, पिछड़ों, वंचितों तथा अन्य दबे-कुचले वर्गों का आह्वान किया कि अगला चुनाव उनके भविष्य का चुनाव है और इसमें भाजपा को सत्ता से खदेड़ना होगा। उन्होंने कहा, ” अगर इस बार चूक गए, तो पांच साल और पीछे चले जाएंगे।”

गले में सुभासपा का पीला गमछा डाले अखिलेश ने भाजपा पर तंज करते हुए कहा “आज लाल और पीले लोग इकट्ठा हो गए हैं, लेकिन हमें देखकर न जाने कहां कौन लाल-पीला हो रहा होगा। अगर बंगाल में कुछ हुआ है तो यहां के लोग भी भाजपा को चुनाव में खदेड़ा करके दिखाएंगे।”

उन्होंने कहा “जब सपा और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के लोग एक हो गए हैं तो हो सकता है कि जनता 400 सीटों पर भी जीत दिला दे। भाजपा जिस दरवाजे से सत्ता में आई है उसे ओमप्रकाश राजभर जी ने बंद कर दिया है और हम दोनों ने मिलकर उस पर सिटकनी लगा दी है।”

अखिलेश ने कहा, “जिस समय पूर्वांचल जाग जाता है उसी दिन यह निश्चित हो जाता है कि इतिहास बदलेगा। मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले चुनाव में भाजपा का सफाया होगा। जब महाराजा सुहेलदेव और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के मानने वाले लोग एक होकर आगे चलेंगे तो उस ताकत का कोई भी मुकाबला नहीं कर पाएगा।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा सरकार ने जनता को लूटने के सिवा और कोई काम नहीं किया। उन्होंने दावा किया, ”आज हालत यह है कि दिल्ली में बैठे भाजपा के नेता लखनऊ वालों के लिए झूठ बोल रहे हैं और लखनऊ वाले दिल्ली वालों के लिए झूठ बोल रहे हैं। जिस हवाई चप्पल वाले तबके को विमान यात्रा कराने का भाजपा ने सपना दिखाया था, आज तेल के दाम बढ़ने के कारण उन्हें अपनी मोटरसाइकिल तक खड़ी करनी पड़ गई है।”

अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा किसान सम्मान निधि के नाम पर धोखा दे रही है। उन्होंने कहा, ” किसानों को इस निधि के नाम पर 500 रुपये मिल रहे हैं लेकिन डीजल, खाद और अन्य चीजों के नाम पर उन्हें लूटा जा रहा है। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 11 महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान 600 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है लेकिन भाजपा के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। जब किसान न्याय मांग रहे हैं तो उन्हें जीप से कुचला जा रहा है।”

वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ी सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने इस मौके पर कहा “बंगाल में ‘खेला होबे’ का नारा लगा था और दीदी (तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी) ने ऐसा खेला किया कि भाजपा चारों खाने चित हो गई। अब यूपी में खदेड़ा होबे।”

उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, “भाजपा के जो भी नेता गांव में वोट मांगने आएं, तो उनसे कहिए कि जाओ पहले महंगाई कम कराओ, तब वोट की बात करना।”

राजभर ने कहा कि वर्ष 2022 में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाकर प्रदेश में जातिवार जनगणना कराई जाएगी, कानून बनाकर गरीबों का मुफ्त इलाज किया जाएगा, पुलिस कर्मियों का उत्पीड़न बंद कराया जाएगा, पुरानी पेंशन बहाल कराई जाएगी और बिजली का बिल माफ किया जाएगा।

पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशें लागू कराने की मांग पूरी नहीं होने की वजह से मंत्री पद से इस्तीफा देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बता दिया कि वह उनकी गुलामी करने नहीं, बल्कि समाज को न्याय दिलाने निकले हैं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों अखिलेश यादव और राजभर की लखनऊ में मुलाकात हुई थी। हालांकि दोनों ही पार्टियों ने गठबंधन को लेकर कोई पुष्टि नहीं की थी, लेकिन उसके बाद से इन दोनों दलों के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हो गई थीं।

सुभासपा को 2017 के विधानसभा चुनाव में चार सीटें हासिल हुई थी। पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को राज्य की मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री से मतभेद होने और पिछड़े वर्गों की कथित उपेक्षा से नाराज होकर राजभर ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

प्रदेश के पूर्वांचल में राजभर मतदाता काफी संख्या में है, जिसमें सुभासपा का अच्छा-खासा जनाधार बताया जाता है।

 

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