नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता रविवार की सुबह ”बहुत खराब” श्रेणी में पहुंचने के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के कारण ऐसा हुआ है। उन्होंने इन राज्यों की सरकारों से ”जिम्मेदार” दृष्टिकोण अपनाने का अनुरोध किया।
राय ने कहा कि यह सामान्य चलन है कि जैसे-जैसे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती हैं, दिल्ली में वायु गुणवत्ता बिगड़ने लगती है।
मंत्री ने कहा कि दो दिन पहले दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 171 था, लेकिन पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने के साथ ही एक्यूआई खराब होने लगा और रविवार को यह 284 रहा।
उन्होंने कहा, “यह एक सामान्य प्रवृत्ति रही है। हमने पड़ोसी राज्यों से पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने की अपील की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पराली जलाने के विकल्प के रूप में हमने खेतों में बायो डीकंपोजर का छिड़काव शुरू कर दिया है, ऐसा ही पड़ोसी राज्यों को करना चाहिए।”
राय ने कहा, “(पड़ोसी) राज्यों को पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए एक जिम्मेदार दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। उन्हें अपने राज्यों में बायो-डीकंपोजर का छिड़काव करने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।”
रविवार को सुबह 11 बजे दिल्ली में एक्यूआई 339 था, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 और 100 संतोषजनक, 101 और 200 मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब, और 401 और 500 गंभीर माना जाता है।