भारत की नजरें नेपाल को हराकर आठवां सैफ चैम्पियनशिप खिताब जीतने पर

माले। शुरूआती उतार चढाव के बाद लय में लौटी सात बार की चैम्पियन भारतीय फुटबॉल टीम सैफ चैम्पियनशिप के फाइनल में शनिवार को नेपाल का सामना करेगी तो उसका पलड़ा भारी रहेगा चूंकि नेपाल पहली बार फाइनल खेल रहा है।

अब तक 13 सत्रों में भारत 12वीं बार फाइनल में पहुंचा है जिससे इस क्षेत्रीय टूर्नामेंट में उसके वर्चस्व का भान होता है।अब तक उसका सबसे खराब प्रदर्शन 2003 में तीसरे स्थान पर रहना था।

नेपाल के खिलाफ जीत मुख्य कोच इगोर स्टिमक की भी पहली ट्रॉफी होगी जो 2019 में टीम से जुड़े थे। भारत जीतता है तो वह सैफ चैम्पियनशिप खिताब जीतने वाले छठे कोच और जिरि पेसेक (1993) और स्टीफन कोंस्टेंटाइन (2015 ) के बाद तीसरे विदेशी बन जायेंगे।

भारत ने पहले दो मैचों में बांग्लादेश और श्रीलंका से ड्रॉ खेला जिससे उस पर फाइनल की दौड़ से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था लेकिन नेपाल को हराकर टीम लय में लौटी।

उसके बाद मेजबान मालदीव को 3.1 से हराया जिसमें कप्तान सुनील छेत्री के दो गोल थे।

फीफा रैंकिंग में भारत से 61 पायदान नीचे काबिज नेपाल को हलके में लेने की गलती भारत नहीं करेगा। राउंड रॉबिन दौर में छेत्री के 82वें मिनट में किये गए गोल की मदद से ही भारत उसे हरा सका। नेपाल ने मालदीव को हराया जबकि बांग्लादेश से ड्रॉ खेला।

आंकड़ों के आधार पर भारत को मनोवैज्ञानिक बढत हासिल होगी। इस साल दोनों टीमों के बीच खेले गए तीन मैचों में से भारत ने दो जीते और एक ड्रॉ रहा।

भारत ने पिछले महीने नेपाल में दो दोस्ताना अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जिनमें एक ड्रॉ रहा और एक जीता।

छेत्री ने खिलाड़ियों को आत्ममुग्धता से बचने की ताकीद करते हुए कहा,‘‘ नेपाल की टीम में भले ही कोई सितारा खिलाड़ी नहीं हो जैसे मालदीव के पास अली अशफाक था, लेकिन एक ईकाई के रूप में वह शानदार प्रदर्शन करने में माहिर है। हमने सितंबर के बाद से तीन बार उनके खिलाफ खेला और उन्हें हराना आसान नहीं रहा है। हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ है।’’

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