नई दिल्ली। कोविड-19 के चिकित्सा उपकरण के रूप में विदेशी चंदा लेने के लिए एफसीआरए के तहत पूर्वानुमति लेने से पंजाीकृत एनजीओ को छूट देने की मांग संबंधी एक जनहित याचिका पर मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुनवाई की और केंद्र को इसे एक प्रतिवेदन के रूप में लेने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि छूट या रियायत देना (या न देना) सरकार का नीतिगत निर्णय है।
पीठ ने केंद्र सरकार को एक न्यास की इस याचिका को प्रतिवेदन के रूप में लेने तथा उसपर कानून, नियमों एवं विनियमों तथा मामले के तथ्यों पर लागू सरकारी नीति के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया।
इस टिप्पणी के साथ ही अदालत ने कर्मोदय चैरिटेबल ट्रस्ट की याचिका निस्तारित कर दी। वकील दीपक प्रकाश ने इस न्यास का अदालत में प्रतिनिधित्व किया।
न्याय ने जनहित में और देश में कोविड-19 राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम के तहत पूर्वानुमति की शर्त हटाने का अनुरोध करते हुए यह याचिका दायर की है।
The Blat Hindi News & Information Website