बलिया। एयरफोर्स के जवान के साथ हनी ट्रैप मामले में बुधवार को पहली बार एक आरोपित ने मुंह खोला। मामले में अपने बेटे के साथ आरोपित बने उभांव थाना के मोलनापुर निवासी एवं सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर शहीद अंसारी ने बताया कि गंवई राजनीति में उन्हें फंसा दिया गया है। मामले से किसी तरह के संबंध होने से सीधे इन्कार करते हुए कहा कि वह 2015 में सेना से सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए। 2021 के ग्राम पंचायत चुनाव में प्रधान पद का चुनाव लड़े तो गांव में कई लोग विरोधी बन गए। हनी ट्रैप मामले में मुख्य आरोपित के परिवार से पिछले दो दशक से कोई संबंध नहीं होने का दावा किया। कहा कि मुकदमे में उनका और पुत्र का नाम बेवजह डाल दिया गया है। अंसारी ने बताया कि मामले की सूचना उन्हें छह अक्टूबर को मुकदमा दर्ज होने के बाद हुई। वह वाराणसी में अपना इलाज कराने गए थे। इसी दौरान उभांव पुलिस ने उन्हें फोन से सूचना दी। वे अगले दिन थाने पर पहुंचे और बयान दर्ज कराया। इधर मामले को लेकर गांव में रहस्यमयी सन्नाटा है। गांव के लोग इस संदर्भ में किसी तरह की बात करने से कतरा रहे हैं। वहीं आरोपितों में खलबली मची हुई है। सभी की निगाहें पुलिसिया कार्रवाई पर टिकी हैं। मोलनापुर गांव निवासी धर्मेंद्र राजभर एयरफोर्स में पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा में कारपोरल पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने कई डाक्टरों समेत गांव के 20 नामजद लोगों पर गिरोह बनाकर हनी ट्रैप करने और करीब 12.5 लाख रुपये की उगाही करने का आरोप लगाया है।
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