बरेली। हत्या के मुकदमे में नामजद जुगेंद्र सिंह व उसके साढ़ू के बेटे दिनेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोपित दोनों को चार पहिया वाहन में बैठाकर बदायूं के बिसौली थाना क्षेत्र में अपने गांव ले गए। वहां 27 गोलियां मारकर दोनों के शरीर को छलनी कर दिया। अपर सेशन जज-7 उत्कर्ष यादव ने बुधवार को पिता-पुत्र सहित सात दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले की रिपोर्ट मृतक जुगेंद्र की पत्नी कमला देवी ने थाना आंवला में लिखाई थी।
थाना बिसौली जिला बदायूं के गांव पृथ्वीपुर में 2007 में राम प्रकाश की हत्या हो गई थी। जुगेंद्र सिंह मुकदमे में नामजद था। रंजिश की वजह से जुगेंद्र गांव छोड़कर परिवार सहित इफ्को कालोनी आंवला में किराये के मकान में रहने लगा। 24 सितंबर 2008 को राम औतार, रघुवर सिंह, आराम सिंह, धर्मवीर, धर्मपाल, मुकेश व भगवान दास लाइसेंसी रायफल लेकर मार्शल गाड़ी से जुगेंद्र के घर पर पहुंचे। सभी ने कहा कि रंजिश बढ़ाने से कोई लाभ नहीं। जो हुआ सो हुआ। अब सुलह कर लो। समझौते के बहाने आरोपित जुगेंद्र को मार्शल गाड़ी में बैठाकर ले गए। उसके साथ उसके साढ़ू का बेटा दिनेश भी चला गया। कई घंटों तक दोनों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली। दोनों के मोबाइल फोन भी बंद थे। तब जुगेंद्र की पत्नी कमला देवी ने अपहरण की रिपोर्ट थाना आंवला में दर्ज कराई। अगले दिन अखबारों में बिसौली थाना क्षेत्र के अलीगंज रोड पर दो लाशें पड़ी होने की खबर छपी। मौके पर पहुंचकर स्वजन ने दोनों लाशों की पहचान की। हत्यारों ने जुगेंद्र व दिनेश के शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जुगेंद्र के शरीर में 13 व दिनेश के शरीर में 14 गोलियों के निशान मिले। सरकारी वकील हेमेंद्र गंगवार ने मामले में कुल 13 गवाह पेश किए। अदालत ने सभी आरोपितों को हत्या का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी पर 1.05 लाख का जुर्माना भी ठोंका है। जुर्माने की आधी रकम दोनों मृतकों के परिवारों को आधी-आधी दी जाएगी। दोषियों में रघुवर सिंह व राम औतार पिता पुत्र हैं।