प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन की अगवानी की, जहां उनका औपचारिक स्वागत किया गया। फ्रेडरिक्सन नौ से 11 अक्टूबर तक तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंची हैं। विदेश राज्य मंत्री (MoS) मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली हवाई अड्डे पर फ्रेडरिक्सन का स्वागत किया, जो भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के रिसीव करने के बाद राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन का औपचारिक स्वागत किया गया।
Delhi: Denmark PM Mette Frederiksen receives ceremonial reception at Rashtrapati Bhawan. She was received by PM Narendra Modi. pic.twitter.com/Iu0LV6wTAP
— ANI (@ANI) October 9, 2021
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन ने इस दौरान कहा, ‘हम भारत को एक बहुत करीबी पार्टनर मानते हैं। मैं इस यात्रा को डेनमार्क-भारत द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मील के पत्थर के रूप में देखती हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल मैंने और पीएम मोदी ने हरित रणनीतिक साझेदारी (ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप) पर हस्ताक्षर किए और सहमति व्यक्त की। जब भारत और बाकी दुनिया में हरित संक्रमण की बात आती है तो हम एक महत्वाकांक्षी भारतीय सरकार को बड़ी जिम्मेदारी लेते हुए देखते हैं।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi receives Prime Minister of Denmark, Mette Frederiksen at Rashtrapati Bhawan in Delhi
Frederiksen is on a 3-day visit to India during which she will call on President Ram Nath Kovind & hold bilateral talks with PM Modi. pic.twitter.com/YSSHTC3Xgy
— ANI (@ANI) October 9, 2021
वहीं, पीएम फ्रेडरिक्सन ने इसके बाद राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
Delhi | Danish PM Mette Frederiksen pays tribute to Mahatma Gandhi at Rajghat pic.twitter.com/Vos1lrSfMn
— ANI (@ANI) October 9, 2021
अपनी यात्रा के दौरान, फ्रेडरिक्सन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से मुलाकात करेंगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी। वह थिंक टैंक, छात्रों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगी।
पीएम मोदी के साथ फ्रेडरिक्सन की द्विपक्षीय वार्ता में ग्रीन एनर्जी का मुद्दा सबसे अहम रहेगा। भारत ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान यूरोपीय संघ के छोटे-छोटे देशों के साथ जिस तरह संबंधों को मजबूत बनाना शुरू किया है, डेनमार्क की प्रधानमंत्री की इस यात्रा को भी उसी संदर्भ में देखा जा रहा है। वैसे पिछले कुछ महीनों के दौरान अमेरिका, आस्ट्रेलिया समेत कुछ दूसरे देशों के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों ने भारत का दौरा किया है, लेकिन कोरोना की पहली लहर के बाद किसी देश के प्रमुख की यह पहली यात्रा होगी। 28 दिसंबर, 2020 को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की अगुआई में वर्चुअल बैठक हुई थी जिसमें हरित रणनीतिक साझेदारी की स्थापना की घोषणा हुई थी।
बता दें कि भारत और डेनमार्क के बीच मजबूत व्यापार और निवेश संबंध हैं। भारत में 200 से अधिक डेनिश कंपनियां मौजूद हैं और 60 से अधिक भारतीय कंपनियों की डेनमार्क में उपस्थिति है। दोनों देशों के बीच रिन्यूबल एनर्जी, कृषि, पशुपालन, स्वच्छ तकनीक के क्षेत्रों, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित डिजिटलीकरण, स्मार्ट सिटी, शिपिंग आदि के क्षेत्रों में मजबूत सहयोग मौजूद है।