संस्कृत शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार, जांच के आदेश

– जिला विद्यालय निरीक्षक ने पटल कर्मचारी को हटाया

– जिले के 07 विद्यालयों में 20 शिक्षकों की मानदेय पर होनी है भर्ती

फतेहपुर। जिले में संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने की मिल रही शिकायतों पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के मामले को संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश देते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही संस्कृत विद्यालयों में भर्ती का काम देख रहे लिपिक का पटल जिला विद्यालय निरीक्षक ने बदल दिया है।

शासन के निर्देश के बाद पूरे प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों में संविदा पर हो रही शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई तो जिले में भी खाली पदों पर विज्ञापन जारी कर इच्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन मांग गए।

जिले के 07 संस्कृत विद्यालयों में 20 शिक्षकों की भर्ती होनी है। ये शिक्षक जिन विषयों के लिए भरे जाएंगे, उनमें नव्य व्याकरण, आधुनिक विषय तथा साहित्य के पद शामिल हैं। भर्ती प्रक्रिया अभी चल ही रही थी कि इसके पहले ही एक लिपिक द्वारा दलाली करने की बातें उजागर होने पर उच्चाधिकारियों ने भ्रष्टाचार के मामले को गंभीरता से लिया और भर्ती के नाम पर की जा रही वसूली की मिल रही शिकायतों पर जिला विद्यालय निरीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह ने कार्रवाई करते हुए भर्ती का काम देख रहे पटल कर्मचारी चार्ज छीन लिया।

जिला विद्यालय निरीक्षक महेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि लिपिक का पटल बदल दिया गया है। इसके अलावा धन वसूली के मामले की जांच कराई जा रही है। यदि साक्ष्य मिले तो मुकदमा दर्ज कराया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

 

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