शासन ने मजदूरों के हित में निर्धारित किया नया पारिश्रमिक
– कम मजदूरी देने पर नियोजक को खानी पड़ सकती है जेल की हवा
– अकुशल 9184, अर्द्ध कुशल 10102, कुशल को न्यूनतम 11316 रुपया
मीरजापुर। शासन के निर्देश पर श्रम विभाग ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत पारिश्रमिक की नई दरें निर्धारित की है। निर्धारित दर से कम मजदूरी देने वाले नियोजक पर पांच सौ रुपया जुर्माना के साथ ही जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। कामगारों को उचित मजदूरी मिले, इसके लिए वर्तमान सरकार कटिबद्ध है।
न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के 1948 के तहत 74 नियोजन में अकुशल को 9184, अर्द्ध कुशल 10102 और कुशल के लिए न्यूनतम 11316 रुपया निर्धारित किया है। वहीं 10 से कम कर्मचारियों वाले होटल, ढाबा व रेस्टोरेंट के लिए कुशल 9166, अर्द्ध कुशल 10105 और कुशल कर्मचारियों को 11317 रुपया निर्धारित किया गया है। जबकि 10 या उससे अधिक कर्मचारी वाले होटल, ढाबा एवं रेस्टोरेंट में अकुशल कर्मचारी 9715, अर्द्ध कुशल 10711, कुशल 11966 और अति कुशल कर्मचारियों को 12956 रुपया पारिश्रमिक का भुगतान करना होगा।
इसी प्रकार ईंट भट्ठा में काम करने वाले अकुशल को 9184 और कुशल को 11316 रुपया पारिश्रमिक देना होगा। अपर श्रम आयुक्त सरजू राम शर्मा ने बताया कि मजदूरी की जो दरें मासिक आधार पर निर्धारित की गई हैं, उनकी दैनिक दर मूल मजदूरी और परिवर्तनीय मंहगाई भत्ते के 1/26 से कम नहीं होगी तथा प्रति घंटे की मजदूरी दर दैनिक मजदूरी दर की 1/6 से कम नहीं होगी।
पांच सौ रुपया जुर्माना के साथ छह माह की सजा
न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 की धारा 22 की उपधारा (ए) के अनुसार किसी भी मजदूर अथवा कर्मचारी को निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी भुगतान करना दंडनीय अपराध है। इससे कम देने पर अधिकतम छह माह का कारावास या 500 रूपये जुर्माना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान किया है।