नई दिल्ली। रोहिणी कोर्ट में हुई गैंगवार के मद्देनजर राजधानी की सभी जिला अदालतों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त ने मंगलवार को अपने सुझाव उच्च न्यायालय में पेश किया। साथ ही, घटना के बाद उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए भविष्य में ऐसा कुछ न हो, इसको लेकर विस्तृत ब्योरा दिया।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मामले में केंद्र-दिल्ली सरकार और सभी बार एसोसिएशन व अन्य हितधारकों से को भी अपना-अपना सुझाव देने को कहा है। पीठ ने कहा है कि सभी हितधारकों के सुझाव जरूरी है ताकि अदालतों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए जारी होने वाले दिशा-निर्देशों में किसी तरह की कोई खामी नहीं रहे। न्यायालय ने सभी पक्षकारों के मामले की अगली सुनवाई से पहले सुझाव दाखिल करने को कहा है।
दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि पुलिस आयुक्त की ओर से न्यायालय में अपना सुझाव सौंप दिया गया है। इसके बाद पीठ ने विभिन्न बार एसोसिएशन और हित धारकों को एक बार फिर से नोटिस जारी कर अपना अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 12 अक्तूबर को होगी।
रोहिणी कोर्ट में 24 सितंबर को हुई गैंगवार में तीन लोगों की मौत हो गई। इस घटना पर उच्च न्यायालय ने 30 सितंबर को स्वत: संज्ञान लेकर सभी बार एसोसिएशन, केंद्र व दिल्ली सरकार, पुलिस आयुक्त से अदालतों की सुरक्षा मजबूत करने के बारे में अपने-अपने सुझाव देने को कहा था।
पुलिस आयुक्त ने कहा
-अदालतों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल हो
-नितांत आवश्यक होन की स्थिति में ही पक्षकारों की प्रत्यक्ष उपस्थिति सुनिश्चित की जाए
-अदालत परिसर में प्रवेश करने वाले वकीलों के पहचान पत्रों की जांच हो
-जांच के बाद ही बाद ही अधिकृत वाहनों को अदालतों में प्रवेश की अनुमति मिले