कोरोना नहीं बना बाधक : आईटीबीपी डीजी

नई दिल्ली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने देश के नागरिकों के लिए इस अभूतपूर्व स्वास्थ्य खतरे से निपटने का बीड़ा उठाया है। इस महामारी के दौरान आईटीबीपी द्वारा किए गए असाधारण प्रयासों को सही प्रकार व्यवस्थित किया गया। यह 135 करोड़ नागरिकों के देश में फैले कोविड-19 के खिलाफ आईटीबीपी के योगदान की गाथा है, जो वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है। यह कहना है आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल का। आईटीबीपी में खेल और प्रशिक्षण गतिविधियों को कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार बढ़ावा दिया गया है। विभिन्न अंतर्निहित कारणों के आधार पर सुरक्षा बलों में खेल आमतौर पर और अधिकतर समूहों में खेले जाते हैं और इसके लिए बहुत अधिक प्रेरणा, कोचिंग, अभ्यास और तैयारी की आवश्यकता होती है। इसमें शारीरिक भागीदारी आवश्यकता है। हालांकि आधुनिक युग में कोविड-19 प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं को शामिल करके इस धारणा को एक ‘न्यूऔ नॉर्मल’ में बदल दिया गया है। आईटीबीपी के डीजी के अनुसार, कोरोना के विभिन्न मानक प्रतिबंधों के कारण उत्पनन्नय हुई चुनौतियों के बीच भी विशेष रूप से खेल के क्षेत्र में आईटीबीपी ने पिछले कुछ महीनों में प्रगभति की है, जो खिलाड़ियों के उच्च मनोबल, प्रेरणा और समर्पण को दर्शाता है। इस दौरान आईटीबीपी के खिलाड़ियों ने खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। आईटीबीपी को साहसिक खेलों में अपनी उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। एडवेंचर और डेयर-डेविलरी आईटीबीपी के पेशेवराना कौशल लिए आवश्यक हैं,बल में कई स्तरीय पर्वतारोही हैं जिन्होंने कई हिमालय की चोटियों का सफल आरोहण किया है। कोविड-19 से लड़ने के लिए ‘फिट इंडिया’ की प्रेरणा एक नए अध्ययन के अनुसार, मोटापा या ज्यादा वजन के व्यक्तियों व खासकर युवाओं में कोविड-19 के गंभीर रूप में संक्रमित होने का जोखिम बढ़ जाता है। पिछले कुछ वर्षों से डीजी आईटीबीपी, एस एस देसवाल के नेतृत्व में आईटीबीपी ने बल को फिट रखने के लिए कई फिट इंडिया कैंपेन आयोजित किए हैं। अच्छी फिटनेस के कारण, आईटीबीपी में कोविड के गंभीर मरीजों की संख्या कम रही है। डीजी ने प्रेरणा बनकर कई नागरिकों और बल कर्मियों को फिट और स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने हिमालय और देश के समुद्र तटीय क्षेत्रों में दर्जनों लंबे मार्ग और गति मार्च किए हैं। इसके पहले के मार्गों में लिपुलेख दर्रा, 103 किलोमीटर की सांगला घाटी, औली तपोवन, गंगोत्री तपोवन, भुज, कोणार्क-पुरी, राजस्थान और पंजाब सीमाएँ, जोधपुर-बीकानेर में मिशन 100 किलोमीटर और फूलों की घाटी के अलावा कई अन्य मार्ग शामिल हैं। ये मार्च ‘फिट इंडिया मिशन’ को फैलाने और युवाओं को फिट रहने के लिए और अधिक शारीरिक अभ्यास में संलग्न करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित किए गए थे। इस दौरान स्वछता अभियान को भी बढावा दिया गया। अक्टूबर-नवंबर, 2021 में ‘फिट इंडिया-मिशन 200 किमी. जैसलमेर, राजस्थान में देश में फिट इंडिया अभियान में एक मील का पत्थर था। आईटीबीपी फिटनेस मॉडयूल को अपने सभी प्रकार के प्रशिक्षकों में विशेष तौर पर लागू कर रही है।

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