मसूरी-नैनीताल में उमड़े सैलानी, होटल-गेस्ट हाउस रहे पैक
सप्ताहंत पर उत्तराखंड के पर्यटक स्थल गुलजार हैं। विशेषकर पहाड़ों की रानी मसूरी, सरोवर नगरी नैनीताल और लैंसडौन में सैलानियों का सैलाब उमड़ पड़ा। दोनों पर्यटक स्थलों में दिनभर जाम के हालात बने रहे। होटल और गेस्ट हाउस में 70 से 80 प्रतिशत बुकिंग होने से कारोबारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं। नैनीताल की नैनी झील में नौकायन के शौकीनों की कतारें लगी रहीं तो चिड़ियाघर के लिए चलने वाली शटल सेवा भी पूरी तरह पैक रही। इसके अलावा हरिद्वार और ऋषिकेश भी तीर्थ यात्रियों से पैक रहे। दोनों शहरों में जाम से यात्री हलकान रहे।
कमरा न मिलने पर यात्रियों ने ऐसे गुजारी रात
पहाड़ों की रानी मसूरी में पर्यटकों और यात्रियों को होटल और गेस्ट हाउस नहीं मिलने से कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आलम ये रहा कि कुछ ने तो सड़कों और दुकानों के छज्जे के नीचे रात बिताई, जबकि कुछ की रात ठेलियों पर चाय पीते हुए गुजरी।
दरअसल, भीड़ बढ़ने से शहर के सभी होटल गेस्ट हाउस दोपहर तक ही फुल हो गए थे। कुछ पर्यटक अपने वाहनों में सोये, जबकि काफी संख्या में पर्यटक रात को होटलों में कमरे नहीं मिलने पर देहरादून लौट आए।
दरअसल, शुक्रवार शाम से ही मसूरी में सैलानियों का उमड़ना शुरू हो गया। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश नारायण माथुर के अनुसार, मसूरी में होटल और गेस्ट हाउस में 70 से 80 प्रतिशत तक बुकिंग रही। दोपहर बाद पहुंचने वाले सैलानियों को कमरों की तलाश में मशक्कत करनी पड़ी।
यहां तक कि आसपास के पर्यटक स्थल कैम्पटी, धनोल्टी और बुराशंखंडा में भी होटल पैक हैं। सुबह नौ बजे से किंक्रेग-लाइब्रेरी चौक-कैम्पटी रोड पर जाम लगना शुरू हो गया। मसूरी होटल एसोसिएशन के महामंत्री संजय अग्रवाल ने बताया कि लंबे समय बाद इतनी संख्या में पर्यटक मसूरी पहुंचे हैं। देहरादून के पुलिस अधीक्षक (यातायात) स्वपन किशोर ने बताया कि फिलहाल यातायात को लेकर कोई समस्या नहीं है।
नैनीताल में भी रही मसूरी जैसी स्थिति
सुबह से ही हल्द्वानी, कालाढूंगी और भवाली रोड से पर्यटक वाहनों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। लोअर माल रोड में पर्यटक वाहनों की कतार लगी रहीं। वहीं बारापत्थर, केव गार्डन, रोप वे, किलबरी, हिमालय दर्शन, खुर्पाताल, स्नोव्यू, टांकी बैंड पर्यटकों से पैक हैं। माल रोड के होटलों के साथ ही छोटे-बड़े होटल भी गुलजार हैं। कोविड काल में होटल और गेस्ट हाउसों ने किराये में 50 प्रतिशत तक की कमी कर दी थी, लेकिन अब भीड़ बढ़ने पर किराया फिर से बढ़ा दिया गया है।