-आम लोगों के मुकाबले 2.5 गुना अधिक है गंभीर रूप से पीडि़त होने का डर

-आम लोगों के मुकाबले 2.5 गुना अधिक है गंभीर रूप से पीडि़त होने का डर

नई दिल्ली। कोरोनावायरस से हर उस इनसान को खतरा है जिसका इम्यून सिस्टम कमजोर है। मौजूदा समय में इस बीमारी से बचाव के लिए अपनी हिफाजत करना बेहद जरूरी हो गया है। हर दिन वैज्ञानिक बीमारी को लेकर कई तरह के शोध कर रहे हैं। हाल ही में एक शोध सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि गंजे पुरुषों में अन्य लोगों के मुकाबले कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण होने का ज्यादा खतरा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, जिन पुरुषों में मेल हार्मोन सेंसिटिविटी लेवल 22 से ज्यादा है, वो आम लोगों के मुकाबले गंभीर रूप से 2.5 गुना ज्यादा बीमार हो सकते हैं। इस रिसर्च में 65 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें अनुवांशिक तौर पर गंजेपन की बीमारी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों ने इन लोगों की अनुवांशिकता और डीएनए सैंपलिंग भी की। इस दौरान पुरुषों के गंजेपन के पैटर्न को भी परखा गया। इसे एंड्रोजेनिक एलोपेसिया भी कहते हैं। इसकी वजह से दुनिया के 50 फीसदी पुरुष, जो 50 वर्ष से ऊपर के हैं, वो गंजेपन के शिकार हैं। एंड्रोजेनिक एलोपेसिया के शिकार लोगों पर एंड्रोजेन्स की मात्रा भी बढ़ जाती है। नई रिसर्च कोरोना मरीजों के इलाज के लिए नए दरवाजे खोल सकती है। कोरोना पर शोध कर रही टीम का कहना है कि इस पैटर्न के मुताबिक अगर इलाज किया जाए, तो संभव है कि कोरोना के असर को कम किया जा सके।

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