नई दिल्ली । केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को कहा कि अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता भारत की जलवायु परिवर्तन रणनीतियों के प्रमुख स्तंभों में से हैं।
पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के जलवायु दूत और उद्योग एवं उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्री सुल्तान अल जाबेर के साथ एक डिजिटल बैठक में यादव ने सीओपी 26, नवीकरणीय ऊर्जा और अन्य संबंधित मामलों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता भारतीय जलवायु परिवर्तन रणनीतियों के प्रमुख स्तंभों में से हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि अक्षय ऊर्जा, विशेषकर सौर ऊर्जा, जीवाश्म ईंधन से मिलने वाली ऊर्जा से सस्ती हो।
बैठक के बारे में ट्वीट करते हुए यादव ने कहा, “यूएई के जलवायु दूत डॉ. सुल्तान अल जाबेर के साथ उच्च स्तरीय संवाद में इस बात का जिक्र किया कि भारत जलवायु परिवर्तन से लड़ने समेत सभी क्षेत्रों में यूएई के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को काफी अहमियत देता है।”
बैठक के दौरान, उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में पहले से ही लगभग 151 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन स्थापित क्षमता है, जो कुल स्थापित क्षमता का 39 प्रतिशत है और इसे आगे बढ़ाया जा रहा है। यादव ने कहा कि भारत ने 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा स्थापित करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की घोषणा की है।
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