नई दिल्ली । बाहरी दिल्ली के बवाना में बन रही सनोथ झील को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा। मंगलवार को सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिसंबर तक इस झील को पुनर्विकसित करने का कार्य पूरा हो जाएगा। जैन ने मंगलवार को सनोथ झील का सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारीयों के साथ मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बवाना कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) से लगभग तीन एमजीडी पानी को रिसाइकल करके सनोथ झील को जीवंत करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। दिसंबर तक इसके पुनर्विकसित करने का काम पूरा हो जाएगा। यहां बच्चों के लिए खेल का मैदान, पिकनिक गार्डन, पैदल मार्ग, छठ पूजा घाट और जिम जैसी सुविधाएं आम जनता को मिलेंगी। सरकार झील के चारों ओर नीम, सेमल, चंपा, और बबूल जैसे कई तरह के पेड़ भी लगा रही है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को सरकार का सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग संचालित कर रहा है। झील के बनने से न केवल भूजल को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी बल्कि इस क्षेत्र में एक ‘इकोसिस्टम का भी निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि सरकार राजधानी के प्रमुख झीलों और जल निकायों को जीवंत कर रही है। इससे पहले, रजोकरी झील और संजय वन झील को पुनर्जीवित किया जा चुका है
एसटीपी का भी दौरा किया : जैन ने घोगा ड्रेन में प्राकृतिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का भी दौरा किया। यह एसटीपी वेटलैंड प्रणाली पर आधारित है और बिना बिजली के प्रतिदिन 10 लाख लीटर गंदे पानी को साफ करता है। उन्होंने अधिकारियों को इस एसटीपी की गंदे पानी को साफ करने की क्षमता 10 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 50 लाख लीटर प्रतिदिन करने के निर्देश दिया। साथ ही, कहा कि रिसाइकल किए गए पानी का उपयोग नजदीक के क्षेत्र में एक झील बनाकर भूजल को रिचार्ज करने के लिए किया जाएगा। उन्होंने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएसआईआईडीसी) और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को बवाना एस्केप ड्रेन की साफ-सफाई करने के निर्देश दिए।
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