उत्तर प्रदेश में भाजपा की सत्ता में वापसी की संभावना

 

नई दिल्ली । देश के राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव वाले राज्य उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार 2022 के चुनावी मुकाबले में सत्ता में लौट सकती है। एबीपी-सीवोटर-आईएएनएस ओपिनियन पोल से यह जानकारी मिली।

राज्य के अन्य प्रमुख राजनीतिक खिलाड़ी आज की स्थिति के अनुसार समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस 2022 में योगी आदित्यनाथ सरकार को हटाने की स्थिति में नहीं हैं।

जनमत सर्वेक्षण के नवीनतम राउंड से पता चला है कि मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प बने हुए हैं। राज्य में शीर्ष पद की दौड़ में योगी आदित्यनाथ अपने प्रतिस्पर्धियों अखिलेश यादव, मायावती और प्रियंका गांधी से काफी आगे हैं।

सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा 41.8 प्रतिशत वोट हासिल कर सकती है। विशेष रूप से, भगवा पार्टी ने राज्य में लगभग 41 प्रतिशत वोट शेयर को लगातार बनाए रखा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में हुए कुल वोटों का 41.4 फीसदी वोट हासिल किया था।

राज्य के अन्य प्रमुख राजनीतिक खिलाड़ियों की ओर देखे तो सपा का वोट शेयर 2017 में 23.6 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 30.2 प्रतिशत होने की उम्मीद है। बसपा के वोट शेयर में 6.5 प्रतिशत की गिरावट की संभावना है। पार्टी ने 2017 में 22.2 प्रतिशत वोट हासिल किया था, जबकि से 2022 में उसे 15.7 प्रतिशत तक वोट प्रतिशत मिलने की उम्मीद है। देश की सबसे पुरानी पार्टी – कांग्रेस, 1989 से राज्य में सत्ता से बाहर है, जिसे 5.1 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद है, पार्टी को 2017 में 6.3 प्रतिशत वोट मिले थे।

सीटों की अगर बात करें तो भाजपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में 263 सीटों पर कब्जा करने की संभावना है। हालांकि भाजपा और उसके सहयोगियों को 2017 में जीती गई 325 सीटों के आंकड़े से 62 सीटों की गिरावट देखने को मिलेगी। लेकिन गठबंधन को बहुमत के आंकड़े को आराम से पार करने की उम्मीद है।

मुख्य दावेदार के रूप में उभर रही समाजवादी पार्टी के 2017 में 48 सीटों से बढ़कर इस बार 113 सीटों तक पहुंचने की उम्मीद है। सर्वेक्षण में आगे दिखाया गया है कि बहुजन समाज पार्टी लगातार राज्य में राजनीतिक जमीन खो रही है, क्योंकि पार्टी को इस बार 14 सीटें मिलने की उम्मीद है, उसने 2017 में सिर्फ 19 सीटें जीती थीं। कांग्रेस 5 सीटों के एकल अंक के आंकड़े पर सिमट जाएगी।

सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चला है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ज्यादा सत्ता विरोधी लहर नहीं है क्योंकि 40.4 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद के लिए योगी आदित्यनाथ उनकी पसंदीदा हैं। सर्वेक्षण के दौरान, जहां 27.5 प्रतिशत ने राज्य में शीर्ष पद के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पक्ष में राय व्यक्त की, वहीं 14.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे बसपा सुप्रीमो मायावती को अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि सर्वेक्षण के दौरान साक्षात्कार में शामिल लोगों में से केवल 3.2 प्रतिशत ही चाहते थे कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी राज्य की अगली मुख्यमंत्री बनें।

विशेष रूप से, सर्वेक्षण के दौरान, उत्तरदाताओं के एक बड़े अनुपात ने राज्य में भाजपा सरकार के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया। जहां 45.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे राज्य में भाजपा सरकार के प्रदर्शन से बहुत संतुष्ट हैं, वहीं 19.9 प्रतिशत ने कहा कि वे कुछ हद तक संतुष्ट हैं। सर्वेक्षण के दौरान साक्षात्कार में शामिल 33.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे राज्य सरकार के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं।

जहां तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदर्शन का सवाल है, उत्तरदाताओं में से 43.6 प्रतिशत ने मौजूदा मुख्यमंत्री के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया, जबकि 18.1 प्रतिशत ने कहा कि वे उनके प्रदर्शन से कुछ हद तक संतुष्ट हैं। 37.0 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे राज्य के सत्तारूढ़ मुख्यमंत्री से संतुष्ट नहीं हैं।

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