नई दिल्ली। सरकार ने शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नौ न्यायाधीशों के नाम अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजे हैं और इस संबंध में ‘‘जल्द ही’’ फैसला किए जाने की उम्मीद है। सरकार के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की अधिकतम संख्या 34 हो सकती है और इस समय शीर्ष अदालत में 10 पद रिक्त हैं। न्यायालय के कॉलेजियम ने एक अभूतपूर्व निर्णय के तहत तीन महिला न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में नियुक्त करने की पिछले सप्ताह सिफारिश की और अगर उनके नाम को मंजूरी दी जाती है तो न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना 10 फरवरी 2027 को भारत की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बन सकती हैं। कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश नागरत्ना के अलावा गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी और तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली के नाम की भी उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है।
न्यायमूर्ति कोहली एक सितंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगी। यह पूछे जाने पर कि क्या नियुक्ति वारंट एक सितंबर से पहले जारी नहीं हो पाएगा, सूत्रों ने बताया कि ऐसी स्थिति संभवत: पैदा नहीं होगी।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते है, लेकिन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति के लिए आयु 65 वर्ष है।
सूत्रों ने बताया कि जिन नौ न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश की गई है, उनकी पदोन्नति के संबंध में अंतिम निर्णय ‘‘जल्द ही’’ लिया जाएगा। नामों को मंजूरी मिलने के बाद उनकी नियुक्ति के वारंट जारी किए जाएंगे और सरकार निर्णय की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी करेगी।
कॉलेजियम ने तीन महिला न्यायाधीशों के अलावा केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी टी रवि कुमार और मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एम एम सुंदरेश के नामों की भी सिफारिश की है।
कॉलेजियम ने बार से सीधी नियुक्ति के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा के नाम की सिफारिश की है। अगर उनके नाम को मंजूरी मिलती है तो वह ऐसे छठे वकील होंगे, जिन्हें बार से सीधे न्यायालय में नियुक्ति मिलेगी।
न्यायमूर्ति कोहली के अलावा विभिन्न उच्च न्यायालयों के जिन मुख्य न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की गयी हैं उनमें न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका (कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश), न्यायमूर्ति विक्रम नाथ (गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश) और न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी (सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश) शामिल हैं।