भारी बारिश और जलजमाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया एक अरब से अधिक का गन्ना


बेगूसराय । शासन-प्रशासन किसानों के आय में वृद्धि का प्रयास कर रही है। लेकिन इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं ने सारे प्रयास के बावजूद किसानों को खून के आंसू रोने पर मजबूर कर दिया है। इस वर्ष समय से पूर्व शुरू हुई भीषण बारिश के कारण बिहार के हसनपुर चीनी मिल क्षेत्र से जुड़े किसानों का एक अरब से अधिक का गन्ना बर्बाद हो गया है। जिसमें से सिर्फ बेगूसराय जिला के किसानों का 40 करोड़ से अधिक का गन्ना नष्ट हो गया है। जिसके कारण किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हैं।

हालत यह है कि सरकार ने गन्ना को फसल बीमा में शामिल नहीं किया है, जिसके कारण मुआवजा भी नहीं मिलता है। हालांकि हसनपुर चीनी मिल द्वारा क्षति का आकलन कर मुआवजा देने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। हसनपुर चीनी मिल के वरीय गन्ना उपाध्यक्ष शंभू प्रसाद राय ने बताया कि हसनपुर चीनी मिल में बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, खगड़िया, मुजफ्फरपुर और वैशाली जिले के किसान गन्ना देते हैं।

हसनपुर चीनी मिल परिक्षेत्र में 55 हजार 286 एकड़ जमीन में गन्ना का फसल लगा था। लेकिन लगातार हुई भारी बारिश के कारण जलजमाव से 21 हजार 752 एकड़ में लगी फसल नष्ट हो गई है। उन्होंने बताया कि बेगूसराय जिले में 25 हजार 247 एकड़ में लगी गन्ने की फसल में से दस हजार 121 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। समस्तीपुर जिले में लगी 27 हजार 648 एकड़ में गन्ना में से दस हजार 476 एकड़ फसल बर्बाद हो गया है। दरभंगा जिला के 303 एकड़ में लगी फसल में से 127 एकड़, खगड़िया जिला के 1995 एकड़ में से 947 एकड़, मुजफ्फरपुर जिला के 85 एकड़ में से 76 एकड़ तथा वैशाली जिला के 6.97 एकड़ में से चार एकड़ की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है।

शंभू राय ने बताया कि हसनपुर चीनी मिल परिक्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। करीब एक अरब 13 करोड़ 90 लाख 74 हजार 426 रूपये का गन्ना नष्ट हो गया है। चीनी मिल प्रबंधन ने गन्ना फसल क्षति का आकलन कर सरकार को उपलब्ध करा दिया है तथा मुआवजा देने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही सभी चौर-बहियार और निचली जमीन से जल निकासी का स्थाई समाधान करने की मांग भी राज्य सरकार से किया गया है। इस संबंध में गन्ना उत्पादक किसान विपिन कुमार सिंह, अवधेश यादव, ललन सिंह एवं साकेत कुमार सिंह आदि ने बताया कि हमलोगों के लिए लिए गन्ना बहुत महत्वपूर्ण फसल है। बगल में हसनपुर चीनी मिल रहने के कारण आसपास के इलाकों में अधिकतर किसान गन्ना लगाते हैं। फसल लगाते समय कर्ज लेकर खेती करते हैं और चीनी मिल से भुगतान होने के बाद महाजन को वापस करते हैं। बेटी की शादी और बच्चों का उच्च शिक्षा इसी के भरोसे रहता है। लेकिन निचली जमीन से जल निकासी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण बार-बार फसल क्षतिग्रस्त हो जाता है।

विगत दिनों समुद्री तूफान और समय से पूर्व भीषण बारिश ने फसल को बर्बाद कर किसानों की कमर तोड़ दी है। यहां इतने बड़े पैमाने पर गन्ना की खेती होती है। लेकिन इस फसल को फसल बीमा की श्रेणी में नहीं रखा गया है, जिससे मुआवजा नहीं मिलता है। ऐसी हालत में सरकार द्वारा गन्ना किसानों को सहायता नहीं किया जाएगा तो किसान परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति हो जाएगी। हम सब किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हैं, सरकार गन्ना को फसल बीमा में शामिल कर मुआवजा दिलाने की व्यवस्था करे। सभी निचली जमीन से पानी के निकासी की स्थाई और ठोस व्यवस्था होनी चाहिए।

Check Also

रूस में आतंकी हमला, 40 लोगों की मौत,100 से भी अधिक लोग हुए घायल

The Blat News: रूस की राजधानी मास्को शुक्रवार को आतंकी हमले से दहल गई। चार …