कोलकाता । गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित ऐतिहासिक विश्वभारती विश्वविद्यालय में अनुशासनहीनता को लेकर प्रबंधन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। पहले से सस्पेंड किए गए तीन छात्रों को अब तीन सालों के लिए बर्खास्त कर दिया गया है जबकि भौतिकी विभाग के दो प्रोफेसरों को भी निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि विश्व भारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती का विरोध करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है। अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत प्रोफेसर पीयूषकांति घोष और अरोनी चक्रवर्ती (भौतिकी के प्रोफेसर) को निलंबित कर दिया गया है।
छात्रों और प्रोफेसरों पर विश्वभारती के वातावरण को प्रदूषित करने और अनुशासन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। जिन तीन छात्रों को बर्खास्त किया गया है वे हैं अर्थशास्त्र विभाग की रूपा चक्रवर्ती, फाल्गुनी पान और सोमनाथ साव। इन पर विश्वविद्यालय में अनावश्यक विरोध प्रदर्शन और अराजकता पैदा करने के आरोप हैं।
विश्व भारती के अधिकारियों ने अभी तक बर्खास्तगी पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि सिर्फ अराजकता ही नहीं, छात्रों पर तोड़फोड़ के आरोप भी लगे हैं। छह महीने पहले की इस घटना के बाद जांच के लिए पर्यवेक्षक समिति का गठन किया गया है। हालांकि, छात्रों ने शिकायत की कि उन्हें गैर कानूनी तरीके से बर्खास्त किया गया है।
दोनों प्रोफेसरों ने कुलपति के खिलाफ शांतिनिकेतन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि विश्वविद्यालय प्रबंधन के आदेश पर इन दोनों को गैरकानूनी तरीके से विश्वविद्यालय परिसर में बंधक बनाया गया था। आरोप है कि इसी वजह से इन दोनों को सस्पेंड किया गया है।