दौड़ती-भागती जिंदगी में खुद का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। शरीर के साथ हमें मन पर भी काम करने की जरूरत होती है। तन और मन दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। खासतौर से अच्छी सेहत के लिए मानसिक तौर पर मजबूती जरूरी है। आप हमारे द्वारा बताई गई इन बातों पर गौर करेंगे तो निश्चित रूप से आपको फील गुड का एहसास होगा।
अपने अच्छे होने की भावना को बढ़ाने के लिए अपनी लाइफ में ज्यादा से ज्यादा खुशियों को शामिल करें
जो चीजें आपके पास में नहीं हैं, उन चीजों के ऊपर फोकस करने की बजाय, आपके पास में जो है, उसी पर फोकस करें। हर दिन में कुछ अच्छा खोजने के ऊपर ध्यान दें; आप चाहें तो एक “जॉय लिस्ट” भी बना सकते हैं, जिसमें आप उस दिन हुई सभी चीजों को लिख सकते हैं, जिनसे आपको खुशी मिली। उन चीजों को करने का टाइम निकालें, जिनसे आपको खुशी मिलती है, जैसे म्यूजिक सुनना, डांस करना, कुकिंग, रीडिंग या फिर योगा क्लास जाना।
इन चीजों को प्रायोरिटी बनाएं, ताकि आपका पूरा सप्ताह खुशी देने वाली एक्टिविटीज़ के साथ में गुजरे। इसी तरह से, हर दिन हंसने का टाइम निकालना भी आपकी इमोशनल हैल्थ को बूस्ट कर सकता है। खुद को ऐसे लोगों से घेर लें, जो आपको हंसाते हैं या फिर खुद को वो जरूरी लॉंफ्टर थेरेपी देने के लिए कोई फनी मूवी या स्टैंड अप कॉमेडियन को देखें। अपने स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए लगातार आने वाले नोटिफिकेशन को चेक करते रहने की बजाय, अपनी ईमेल को केवल दिन में दो बार ही चेक करें।
जब आप अपने करीबी लोगों के साथ में हों, तब अपने फोन को बंद कर दें, ताकि आप अभी जो चल रहा है, उससे कहीं डिसट्रेक्ट न हो जाएं। खुद को ऐसे लोगों से दूर कर दें, जिन्हें इमोशनली किसी की जरूरत है और जो आपका फायदा लेते हैं। अपने फ्रेंड्स को बोलें कि वो सीधे बिना बताए आपके घर आने की बजाय पहले आपको टेक्स्ट या कॉल कर लें।
“न” बोलना सीखें, ताकि आप आपके टाइम को जरूरत से ज्यादा दूसरों को न दें
जब आप से कोई कुछ करने को कहे, तब एक मिनट लेकर अपने मन से आने वाली आवाज और अपने कैलेंडर को चेक करके पक्का करें कि आपके लिए उसे हां कहना सही रहेगा या नहीं। अगर ऐसा नहीं हो सकता, तो ऐसा कुछ बोलें, “पूछने के लिए शुक्रिया, लेकिन उस समय मैं कुछ और करने वाला हूँ” या “मैं चाहता हूँ कि मैं ऐसा कर पाता, लेकिन अगले कुछ हफ्ते मेरे लिए बहुत बिजी रहने वाले हैं।”
अपनी ज़िंदगी के स्ट्रेस को कम करें, ताकि आप चीजों को ज्यादा एंजॉय कर सकें। अगर आप हमेशा स्ट्रेस में रहेंगे, तो ये आपकी फिजिकल, मेंटल और इमोशनल हैल्थ को भी प्रभावित कर सकता है। स्ट्रेस को कम करने के लिए कुछ फिजिकल करने की कोशिश करें, जैसे कि एक्सरसाइज करना या मसाज करना।
आप चाहें तो मेडिटेट करना, खुद को स्ट्रेसफुल सिचुएशन से दूर रखना या फिर अपने टाइम मैनेजमेंट के ऊपर काम करना भी ट्राई कर सकते हैं। जैसे, अगर आप अक्सर लेट होने की वजह से स्ट्रेस में आ जाते हैं, तो हर दिन जब आपको घर से निकलना होता है, उसके 10 मिनट पहले का एक अलार्म सेट कर लें।
एक स्ट्रॉन्ग सपोर्ट नेटवर्क बनाने के लिए रेगुलरली अपने फ्रेंड्स के साथ में कनेक्ट करें
रिश्ते अपनी मेंटल और इमोशनल हैल्थ के लिए बेहद जरूरी होते हैं, इसलिए चाहे आप कितने भी बिजी हों, लेकिन अपने फ्रेंड्स को नजरअंदाज न करें। दूसरे लोगों के पास जाएं, उनसे फोन पर बात करें या मिलने का पूछें और कुछ बातें शेयर करें, सुनें और एक-साथ मिलकर मजे करें। अगर आप आपके टफ शेड्यूल की वजह से अपने फ्रेंड्स को नहीं मिल पा रहे हैं, तो उन्हें टेक्स्ट या कॉल करके बताएं कि आप उनके बारे में सोच रहे हैं और आप उनसे जुड़ना चाहते हैं।
हो सकता है कि आप ऑफिस जाने के पहले एक अर्ली-मॉर्निंग ब्रेकफ़ास्ट शेड्यूल कर सकें या फिर कुछ काम या होमवर्क एक-साथ कर पाएं। इन्टरनेट नई चीजों को सीखने का एक अच्छा रिसोर्स होता है। आप यहां पर ब्लॉग, वीडियो, वैबसाइट और बुक्स को पा सकते हैं, जिनसे आप ऐसी किसी भी चीज के बारे में और ज्यादा जानकारी पा सकते हैं, जिसे आप सीखना चाहते हैं।
अगर आप कुछ नया सीखना शुरू करते हैं और उसे अपने लिए सही भी पाते हैं, तो फिर ठीक है! खुद पर किसी चीज को करने का दबाव न डालें। उसे जाने दें और फोकस करने के लिए किसी नई चीज को चुनें।