डबलिन। 14 अगस्त की देर रात अस्पताल में एक लड़के को भर्ती किया गया। उसे इतनी बुरी तरह से मारा गया था कि तुरंत सर्जरी की दरकार थी। चेहरे से भारी मात्रा में खून निकल रहा था। यह घायल कोई आम शख्स नहीं बल्कि ओलिंपिक खिलाड़ी जैक वूली थे। वही जैक वूली जो ओलिंपिक में आयरलैंड की ओर से ताइक्वांडो खेलने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।
22 वर्षीय इस खिलाड़ी की मां ने बताया कि मेरे बेटे ने हमेशा यही सीखा है कि कभी अपनी मार्शल आर्ट कला को इस तरह रोड फाइट में इस्तेमाल नहीं करना। ताइक्वांडो खिलाड़ी की ऊपरी होंठ की सर्जरी करनी पड़ी, जहां गंभीर चोट आईं थीं।
सोशल मीडिया एकाउंट पर जैक वूली ने बताया कि लिफी नदी के किनारे टहलने के दौरान 10-12 लड़के-लड़कियों ने मिलकर उन्हें पीट दिया। वो लोग कौन थे ये मैं नहीं जानता। जमकर धुनाई करने के बाद हमलवार ये कहकर भाग गए कि उन्होंने गलत व्यक्ति की पिटाई कर दी।
ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट केली हैरिंग्टन ने वूली से अस्पताल में मुलाकात की। इस दौरान कुछ तस्वीरें इंटरनेट पर शेयर की। सभी ने एक के बाद एक वूली के चेहरे पर पंच मारा था। मारपीट के बाद आयरिश ओलिंपियन ने जैसे-तैसे अपने मोबाईल से एम्बुलेंस को कॉल किया। दोस्तों ने भी उनकी काफी मदद की।
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। सेंट जेम्स अस्पताल में सर्जरी के बाद जैक ने कहा कि वह जल्द ही वापसी करेंगे। सामान्य जिंदगी जिएंगे और जल्द से जल्द ट्रेनिंग पर वापस लौटेंगे। तोक्यो ओलिंपिक में राउंड-16 तक पहुंचने वाले इस एथलीट को लुकास गुजमान ने हार कर बाहर कर दिया था।
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