काबुल में हवाई मार्ग से लोगों की वापसी का काम तेजी से जारी

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि अफगानिस्तान की राजधानी से अमेरिकियों और हजारों अन्य लोगों को हवाई मार्ग से लाने का ‘‘कठिन एवं पीड़ादायी’’ काम तेजी से चल रहा है। साथ ही उन्होंने तनावग्रस्त देश से इस अभियान को 31 अगस्त की समय सीमा से आगे चलाने की संभावना को भी नहीं नकारा।

बाइडन ने रविवार को व्हाइट हाउस में युद्ध समाप्त करने के अपने फैसले का बचाव किया और जोर देकर कहा कि सभी अमेरिकियों को देश से बाहर निकालना सबसे अच्छी परिस्थितियों में मुश्किल होता। आलोचकों ने विलंब से निकासी अभियान शुरू करने को लेकर बाइडन की काफी आलोचना की है।

बाइडन ने कहा, ‘‘ काबुल से हजारों लोगों की वापसी का काम कठिन एवं पीड़ादायी होने वाला है। चाहे वह कभी भी शुरू होता। टेलीविजन पर दिखाई जा रहीं दर्दनाक एवं दिल दहला देने वाली तस्वीरों के बिना इतने सारे लोगों को निकालने का कोई तरीका नहीं था।’’

बाइडन ने कहा कि हवाई मार्ग से लोगों को वापस लाने के काम को 31 अगस्त की समय सीमा से आगे बढ़ाने के संबंध में सैन्य चर्चा जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि हमें इसे बढ़ाना नहीं पड़ेगा लेकिन फिर भी चर्चाएं जारी हैं।’’

व्हाइट हाउस ने रविवार को एक बयान में कहा था कि सात सी-17 और एक सी-130 अमेरिकी सैन्य विमानों ने दोपहर तीन बजे (ईस्टर्न टाइम ज़ोन समयानुसार) तक 12 घंटे की अवधि में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से करीब 1700 यात्रियों को निकाला। इसके अलावा, 39 गठबंधन विमानों ने लगभग 3,400 यात्रियों के साथ उड़ान भरी। बाइडन ने बताया कि शनिवार को काबुल से 23 अमेरिकी सैन्य विमानों ने 3900 अमेरिकियों को लेकर उड़ान भरी।

इससे पहले, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां पैदा हुए संकट के बीच बाइडन ने युद्धग्रस्त देश से अपने बलों की वापसी के कदम को सही ठहराते हुए कहा कि इतिहास में यह कदम ‘‘तार्किक और उचित निर्णय’’ के रूप के दर्ज किया जाएगा। अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के फैसले के कारण बाइडन प्रशासन की आलोचना हो रही है, क्योंकि बलों के लौटने के कारण तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, जिससे देश में अराजकता फैल गई है।

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