देर रात बुधवार को एक बार फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कमान ओबीसी के ही खाते में गई है। इससे पूर्व में भी यह सीट ओबीसी के लिए मुकर्रर की गई थी।
जिला पंचायत के अध्यक्ष पद की आरक्षण सीट कोर्ट के आदेश के बाद अब क्लियर होते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां और तेज कर दी है। इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग का कंडीडेट जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा। वो कौन होगा यह तो वक्त तय करेगा पर इस बात पर अंतिम मुहर लग गई हैं कि कोर्ट के आदेश के बाद सीट ओबीसी को ही रहेगी।
जिला पंचायत के अध्यक्ष पद वर्ष 2010 में ओबीसी महिला सीट रही थी, जिसके बाद अब फिर से अन्य पिछड़ा वर्ग को मौका मिला है। वर्ष 2010 की सीट ओबीसी की महिला की थी, पर ओबीसी में महिला/पुरुष दोंनों की है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद का भले ही आरक्षण तय हो गया है, पर पूरा चुनावी फोकस जिला पंचायत के सदस्यों के आरक्षण पर है। सदस्यों का आरक्षण तय होना पार्टियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। जिसका काफी इंतजार है।