नई दिल्ली। सरकार ने इन दावों को खारिज किया है कि उसने उच्चतम न्यायालय की ‘‘शाखाओं’’ को तीन और स्थानों तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है।
पत्र सूचना कार्यालय ‘तथ्य जांच’ ने मंगलवार को ट्वीट किया कि यह दावा ‘‘फर्जी’’ है।
ट्वीट में कहा गया, ‘‘व्हाट्सऐप पर एक फॉरवर्ड किया गया संदेश साझा किया जा रहा है जिसमें दावा किया गया है कि सरकार ने भारत के उच्चतम न्यायालय की शाखाओं को तीन और स्थानों पर विस्तारित करने का फैसला किया है। यह दावा फर्जी है।’’
उसने कहा कि सरकार द्वारा ‘‘ऐसा कोई निर्णय नहीं’’ लिया गया है।
सरकार ने कई मौकों पर संसद को सूचित किया है कि दिल्ली के बाहर शीर्ष अदालत की एक अलग पीठ खोलने के विचार को उच्चतम न्यायालय का समर्थन नहीं मिला है।
पिछले साल सितंबर में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में तत्कालीन कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि देश के विभिन्न हिस्सों में उच्चतम न्यायालय की पीठों की स्थापना के लिए समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने कहा था, ‘‘विधि आयोग ने भी अपनी 229वीं रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि दिल्ली में एक संविधान पीठ स्थापित की जाए और चार अपीलीय पीठ- उत्तरी क्षेत्र के लिए दिल्ली, दक्षिणी क्षेत्र के लिए चेन्नई या हैदराबाद, पूर्वी क्षेत्र के लिए कोलकाता तथा पश्चिमी क्षेत्र के लिए मुंबई में स्थापित की जाएं।’’
प्रसाद ने कहा था, ‘‘उच्चतम न्यायालय दिल्ली के बाहर शीर्ष अदालत की अलग पीठ बनाने के पक्ष में नहीं है।’’