वैवाहिक जीवन के शुरू के दो वर्षों में रिश्ते के भावी विकास का लय-ताल निर्धारित होता है, इसलिए नवविवाहित कपल इस समय का सदुपयोग करके स्वस्थ और ख़ुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए मज़बूत नींव तैयार कर सकते हैं। वैसे दांपत्य जीवन का शुरुआती कुछ महीना, जो ‘हनीमून का समय” कहा जाता है, परंपरागत रूप से आनंद और ख़ुशियोंभरा समय होता है। इसी के साथ नवविवाहितों को तरह-तरह के संवेदनशील विषयों के बारे में परस्पर सहमति के लिए रास्ते भी तलाशने होते हैं, जैसे- पति-पत्नी का आपसी सामंजस्य, उनके परिजनों व दोस्तों के साथ व्यवहार, फाइनेंस के निर्णय, एक-दूसरे की भिन्नताओं को जानना और सही व्यवहार के ज़रिए समाधान निकालना
# एक-दूसरे को समय दे
दूसरे रिश्तों की तरह ही, सफल दांपत्य जीवन के लिए प्रयास, निरंतरता और सबसे महत्वपूर्ण
रूप समय ज़रूरी होता है। काम और जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना थोड़ा मुश्किल होता है। महामारी के चलते ‘वर्क फ्रॉम होम के इस मौजूदा समय में यह और भी कठिन हो गया है। ऑफिस तक अपने काम को सीमित रखने की बजाय हमें इसे घर पर आमंत्रित करना पड़ा है। हालांकि तमाम व्यस्तताओं के बीच एक-दूसरे के लिए समय निकालना बेहद ज़रूरी है। घर पर साथ में काम करें। बीच-बीच में कम-से-कम 5-10 मिनट का भी ब्रेक लें और एक-दूसरे का हाल जानें। ऐसा शैड्यूल बनाएं, जिससे साथ में भोजन कर सकें, ब्रेक ले सकें। अपनी दैनिक गतिविधियों के बारे में ही नहीं, बल्कि अपने सपनों, अपने साहचर्यपूर्ण जीवन की योजनाओं के बारे में भी चर्चा करें। घरेलू कार्यों में समान रूप से हाथ बंटाएं। कार्यों को आपस में इस प्रकार से बांट लें कि किसी एक पर बहुत अधिक बोझ न पड़े।
इस महामारी की स्थिति में घरेलू कार्यों में हाथ नहीं बंटाने या सीमित सहायता करने से आपके
जीवनसाथी की ज़िंदगी आसान होगी और आप दोनों के बीच गहरा रिश्ता बनने में मदद मिलेगी।
# रिश्ते को मज़बूत बनानेवाले कार्य करें…
एक-दूसरे के साथ अच्छी तरह समय गुज़ारें। यदि आपको घर पर ही रहना पड़े, तो भी रात के
समय एक-दूसरे के साथ वक़्त बिताएं। साथ बैठकर टीवी शोज़ या मूवीज देखें। मिलकर खाना
पकाएं। लंबी दूरी तक टहलने या ड्राइव्स पर साथ जाएं। साथ में फिटनेस/एक्सरसाइज़ के लिए
समय निकालें। स्वयं को शारीरिक रूप से तंदुरुस्त और संवारकर रखें। एक-दूसरे की पसंद-
नापसंद, शौक के बारे में जानने की कोशिश करें और एक-दूसरे की पसंदीदा गतिविधयों में साथ
दें।
अपनी, अपने पार्टनर की और अपने वैवाहिक जीवन की आवश्यकताओं पर ध्यान दें। इससे
आप बेहतर दोस्त बन सकेंगे और आपसी अंतरंगता बढ़ाकर अधिक ख़ुशहाल कपल हो सकेंगे।
हालांकि एक-दूसरे को अपनी-अपनी पसंदीदा गतिविधियों की छूट दें। व्यक्तिगत रूप से स्वयं का भी ख़्याल रखें। एक दंपत्ति के रूप में, स्वयं के लिए स्पेस और समय देना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आपको आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य, ख़ुशी और विकास में मदद मिलेगी और आपका दांपत्य जीवन अधिक ख़ुशहाल और सुखी हो सकेगा।
#सकारात्मक प्रशंसा…
आपके घर और जीवन को बेहतर बनाने हेतु आपके साथी द्वारा किए जानेवाले दैनिक कार्यों की
प्रशंसा करें। आपके शब्दों और कार्यों से आपके प्यार, प्रशंसा एवं परवाह का पता चलना चाहिए।
अपने जीवनसाथी को बताएं कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं। उनके व्यक्तित्व की तारीफ़
करें। उन्हें बताएं कि उनके आ जाने से किस प्रकार आपका जीवन सुखमय हो गया है। शारीरिक
भाव-भंगिमाओं जैसे कि हाथ पकड़ लेने या गले लग जाने से तुरंत ख़ुशी मिलती है। अपने
पार्टनर की छोटी-से-छोटी चीज़ों पर ध्यान दें और उसके लिए उनकी प्रशंसा करें। नकारात्मक
चीज़ों को नज़रअंदा़ज़ करने की कोशिश करें। आभार प्रकट करें।
#बातचीत करें…
आप दोनों दो अलग-अलग व्यक्ति हैं, जो अपनी स्वयं की अपेक्षाओं, उम्मीदों के साथ रिश्ते
की डोरी में बंधे हैं। अपनी अपेक्षाओं को व्यावहारिक रूप दें। एक-दूसरे का पूरा आदर-सम्मान
करते हुए इस बारे में चर्चा करें। अपने मतभेदों को लेकर समझौता करने को सहमत रहें। वित्त,
भविष्य के लक्ष्य या परिवार से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों में सहमति बनाने की कोशिश करें।
अपनी सोच को ‘मैं’ से ‘हम’ में बदलें।
अपने जीवनसाथी को बदलने की कोशिश मत करें। उनकी मर्यादाओं का सम्मान करें। परस्पर
निर्भरता के साथ काम करते हुए अपनी स्वतंत्रता बनाए रखें। कभी एक-दूसरे की असहमतियों
का भी आनंद लें। बिना कुछ छिपाए या बिना किसी धारणा के अपनी शारीरिक और भावनात्मक
आवश्यकताओं के बारे में बताएं। अपने पार्टनर से सहायता मांगें।
#टकरावों का रचनात्मक निपटारा…
जब दो व्यक्ति साथ रहते हैं, तो उनमें टकराव होना स्वाभाविक है। टकरावों से बच पाना संभव
नहीं है, लेकिन समय से और रचनात्मक तरीक़े से उनके निपटारे से रिश्ते पर कोई प्रभाव नहीं
पड़ता है। वित्त, परिवार जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं से कतराने या उनको लेकर आक्रामक
तरीक़े से प्रतिक्रिया देने की बजाय, उन मसलों पर खुलकर चर्चा करें। उनके बारे में शांतिपूर्वक
और विस्तार से चर्चा करें। याद रखें, एक-दूसरे का विरोध करने से नहीं, बल्कि साथ मिलकर
समस्या का विरोध करने से हल निकलेगा।
गाली-गलौज न करें या एक-दूसरे को नीचा न दिखाएं। गंभीर चर्चा के दौरान, टीवी जैसी चीज़ों पर
ध्यान न भटकने दें और यदि चीज़ें अस्पष्ट हैं, तो उसके बारे में स्पष्ट करने के लिए कहें। दूसरों के सामने कहासुनी न करें। अपने जीवनसाथी के प्रति उदारता और सहानुभूति रखें। आरोप-
प्रत्यारोप से बचें। एक-दूसरे को ग़लत साबित करने की कोशिश न करें। यदि आप ग़लती करते
हैं, बिना किसी किंतु-परंतु के माफ़ी मांग लें।
वैवाहिक जीवन में समानता का अर्थ हमेशा यह नहीं होता कि हर स्थिति में फिफ्टी-फिफ्टी वाला
नियम ही लागू हो। किसी दिन आप कोई काम ज़्यादा कर सकते हैं, जबकि किसी दूसरे दिन
आपका पार्टनर कर सकता है। इसका टैली रखना ज़रूरी नहीं है, लेकिन एक संतुलन बनाए रखें।
#मेरा परिवार, तुम्हारा परिवार…
जब आप किसी से शादी करते हैं, तो आप अपने जीवनसाथी के परिवार के प्रति भी वचनबद्ध
हो जाते हैं। स्वस्थ मर्यादाएं बनाए रखते हुए हार्दिक प्रेम के साथ रिश्ते निभाएं। यदि आपके
दंपत्ति को परिवार के किसी सदस्य को लेकर समस्या है, तो स्वयं से स्थिति संभालने की
कोशिश करें, क्योंकि आप अपने जीवनसाथी की तुलना में उन्हें बेहतर जानते/ती हैं।
धैर्य के साथ आकस्मिक चुनौतियों के लिए तैयार रहें।
हर दिन शानदार या फिर अच्छा ही गुज़रे, यह ज़रूरी नहीं है। समस्याओं के बारे में चर्चा करें।
उनका सामना करें। उनका हल तलाशें। स्वयं को कष्ट न दें। हमेशा याद रखें, शादी मैराथन
दोड़ होती है, फर्राटा नहीं। पति-पत्नी एक-दूसरे की भावनाओं का ख़्याल रखते हुए प्यार, सहयोग,
साथ देंगे, तो ज़िंदगी ख़ूबसूरत हो जाएगी और जीना भी मज़ेदार हो जाएगा।