जसप्रीत सिंह वाधवा
The Blat digital Desk प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में वाहन चोरी की घटनाएँ लगातार पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई हैं। अपर पुलिस उपायुक्त, जोन-काशी और जोन-वरुणा, कमिश्नरेट वाराणसी से जारी आधिकारिक आँकड़े इस समस्या की गंभीरता को उजागर करते हैं।
जोन-काशी के आँकड़े (पाँच वर्ष)
- जोन-काशी क्षेत्र में वर्ष 2020 से 2024 तक कुल 1,467 दोपहिया वाहन चोरी हुए, जिनमें से केवल 419 की बरामदगी हो सकी। इसी अवधि में 109 wचारपहिया वाहन चोरी हुए, जिनमें से 27 वाहन बरामद किए गए।
- 2020: 294 दोपहिया व 13 चारपहिया चोरी, बरामदगी क्रमशः 53 और 5
- 2021: 332 दोपहिया व 27 चारपहिया चोरी, बरामदगी 94 और 9
- 2022: 372 दोपहिया व 25 चारपहिया चोरी, बरामदगी 72 और 8
- 2023: 221 दोपहिया व 16 चारपहिया चोरी, बरामदगी 81 और 5
- 2024: 248 दोपहिया व 19 चारपहिया चोरी, बरामदगी 75 और 0
जोन-वरुणा के आँकड़े (पाँच वर्ष)
अलग से उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार जोन-वरुणा में पिछले पाँच वर्षों में 1177 दोपहिया वाहन और 430 चारपहिया वाहन चोरी हुए। पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह तथ्य सामने आया है।
समग्र स्थिति
अगर दोनों जोनों (काशी और वरुणा) को मिलाकर देखा जाए तो वाराणसी कमिश्नरेट क्षेत्र में बीते पाँच वर्षों में *2,644 दोपहिया वाहन और 539 चारपहिया वाहन चोरी* होने के मामले दर्ज हुए हैं। बरामदगी की दर बेहद कम है, खासकर चारपहिया वाहनों के मामलों में।
पुलिस द्वारा वाहन चोरी रोकने के लिए ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत सीसीटीवी कैमरों, तकनीकी सर्विलांस और गश्ती बढ़ाकर कार्रवाई की जाती हैं और इसके बावजूद चोरी और बरामदगी के बीच बड़ा अंतर यह दर्शाता है कि अपराधी वाहन चोरी के नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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