कांग्रेस सांसद शशि थरूर भारत के आतंकवाद विरोधी रुख पर सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करेंगे। हालांकि, उनकी पार्टी की ओर से उनका नाम आगे नहीं किया गया था। लेकिन सरकार ने उन्हें सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करने का मौका दिया है। इसको लेकर शशि थरूर ने कहा कि मेरी पार्टी के नेतृत्व को मेरी योग्यताओं या कमियों के बारे में अपनी राय रखने का अधिकार है, और मुझे लगता है कि यह वास्तव में उन्हें ही समझाना है। इस पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है।
थरूर ने कहा कि मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, यह मेरे लिए सम्मान की बात है, और मैं इस जिम्मेदारी को उसी तरह से पूरा करूंगा, जैसे मैंने अपने लंबे कार्यकाल में मुझे सौंपी गई हर जिम्मेदारी को पूरा किया है, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र में हो या कांग्रेस पार्टी में। इस विशेष मुद्दे सहित विभिन्न मुद्दों पर सोमवार और मंगलवार को हमारी संसदीय स्थायी समिति की बैठक है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से, मैंने उन्हें (पार्टी को) पहली कॉल के बारे में बताया, जो दो दिन पहले आई थी। मैंने संसदीय कार्य मंत्री को यह भी बताया कि मुझे लगता है कि वे विपक्षी दलों के पार्टी नेतृत्व से बात करेंगे, और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वे ऐसा करेंगे। जैसा कि मैंने कहा, मुझे यह पूरी तरह से उचित लगा कि देश को इस विशेष रूप से महत्वपूर्ण मुद्दे पर एकजुट होना चाहिए।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि निश्चित रूप से, जब राष्ट्र को मेरी सेवाओं की आवश्यकता होती है, तो मैं उपलब्ध रहता हूँ और मैं अपने देश के लिए उपलब्ध रहता हूँ। मेरे विचार से, इसका पार्टी राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। यह सब इस बात से संबंधित है कि हमारे देश ने हाल के दिनों में क्या-क्या झेला है और हमें एकजुट मोर्चा पेश करने की आवश्यकता है। यह ऐसे समय में राष्ट्रीय एकता का एक अच्छा प्रतिबिंब है जब एकता महत्वपूर्ण है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह सम्मान की बात है, जब देश को मेरी सेवाओं की आवश्यकता होगी, मैं उपलब्ध रहूंगा।
कांग्रेस ने अगले सप्ताह से विभिन्न देशों का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व शशि थरूर को सौंपे जाने के बाद शनिवार को कहा कि सरकार खेल खेल रही है और शरारतपूर्ण मानसिकता के साथ काम कर रही है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस की तरफ से सिर्फ चार नेताओं आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम सरकार को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पार्टी से विचार विमर्श किए बिना उसके किसी सांसद को शामिल नहीं कर सकती। उनका यह भी कहा कि यह अच्छी लोकतांत्रिक परंपरा रही है कि आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने वाले सांसद अपनी पार्टी नेतृत्व से अनुमति लेते हैं।
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