सिंधु जल संधि का पालन तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय तरीके से समाप्त नहीं कर देता। मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से नहीं रोका जाता… कश्मीर पर चर्चा करने के लिए एकमात्र चीज पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है; हम उस चर्चा के लिए खुले हैं।
पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय से सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। अपनी भारतीय समकक्ष देबश्री मुखर्जी को लिखे पत्र में मुर्तजा ने नई दिल्ली द्वारा उठाई गई विशिष्ट आपत्तियों पर चर्चा करने के लिए अपनी सरकार की तत्परता व्यक्त की। उन्होंने भारत के कदम के कानूनी आधार पर भी सवाल उठाया कि संधि में कोई निकास संबंधी खंड नहीं है। हालांकि, भारत सरकार अपने फैसले पर अड़ी हुई है।
जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने इस घटनाक्रम पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि मौजूदा परिस्थितियों में भारत की स्थिति में बदलाव की संभावना नहीं है। सूत्रों ने दोहराया कि संधि को निलंबित करने का निर्णय जम्मू कश्मीर को लगातार निशाना बनाकर सीमा पार से होने वाले आतंकवाद’के कारण लिया गया था। गत 24 अप्रैल को लिखे पत्र में मुखर्जी ने मुर्तजा को सूचित किया था कि ‘संधि के तहत प्रस्तावित वार्ता में शामिल होने से पाकिस्तान का इनकार और आतंकवाद को लगातार प्रायोजित करना संधि का उल्लंघन है। चाहे कुछ भी हो जाए, भारत उन्हें पानी की एक बूंद भी नहीं देंगा।
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