आतंकवादियों का कर्म है, जबकि उनका सफाया करना भारत का भारतीय धर्म है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सशस्त्र बलों ने आतंकवादियों को उनके कर्म को देखकर मारा, क्योंकि उन्होंने निर्दोष लोगों को उनके धर्म को देखकर मारा और यही पाकिस्तान का कर्म था। श्रीनगर के बादामी बाग कैंट में सभा को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवादियों ने पहलगाम में निर्दोष लोगों को उनका ‘धर्म’ पूछकर मारा। उसके बाद आपने जो जवाब दिया, उसे पूरी दुनिया ने देखा। हमने आतंकवादियों को उनके ‘कर्म’ देखकर मारा। उन्होंने निर्दोष लोगों को उनके ‘धर्म’ को देखकर मारा, यह पाकिस्तान का ‘कर्म’ था। हमने उनके ‘कर्म’ को देखकर उनका सफाया किया, यह हमारा ‘भारतीय धर्म’ है।”
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वह एक डाकिया हैं जो पूरी दुनिया का संदेश जम्मू-कश्मीर के लोगों तक लेकर आए हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि वह एक संदेशवाहक हैं और वह पूरे देश की शुभकामनाओं, प्रार्थनाओं और आभार के साथ आए हैं। रक्षा मंत्री पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर आए हैं। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “रक्षा मंत्री होने के अलावा, मैं एक संदेशवाहक के रूप में भी यहां आया हूं। मैं पूरे देश की शुभकामनाओं, प्रार्थनाओं और आभार के साथ यहां आया हूं। एक तरह से, मैं आपके पास एक डाकिया के रूप में आया हूं और आपके लिए पूरी दुनिया का संदेश लेकर आया हूं – कि हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के बारे में पूरी दुनिया यह बात जानती है, कि हमने हमेशा शांति को प्राथमिकता दी है। हम आमतौर पर युद्ध के समर्थक कभी नहीं रहे। लेकिन स्थितियाँ जब इतनी विकट हो जाएँ, जब देश की संप्रभुता पर आक्रमण हो, तो जवाब देना आवश्यक हो जाता है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में हमारी सेनाओं को, और हमारे सैनिकों को, एक सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। एक सशक्त राष्ट्र वही होता है, जो अपनी सेनाओं को सम्मान के साथ-साथ आधुनिक हथियार और साजो-सामान भी दे, जिसकी उसे ज़रूरत है। मुझे गर्व है कि आज सरकार, हमारी सेनाओं के लिए यह सब कर रही है।
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