विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें मंगलवार को हुए पहलगाम आतंकवादी हमले के बारे में जानकारी दी। इस दौरान अमित शाह से हाथ में लाल फाइल थी। वहीं, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने जर्मनी, जापान, पोलैंड, ब्रिटेन और रूस समेत 20 से ज़्यादा देशों के राजदूतों को भी पहलगाम हमले के बारे में जानकारी दी। एक्स को ट्वीट करते हुए राष्ट्रपति भवन ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए लिखा, “केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए, जिनमें पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करना, अटारी सीमा को बंद करना और पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल था। भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर इस्लामाबाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तहत बृहस्पतिवार को पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी मौजूदा वैध वीजा 27 अप्रैल से रद्द कर दिए गए हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल सभी आतंकवादियों और इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा देने का संकल्प जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अब आतंकियों की बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। मोदी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है बल्कि देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है। उन्होंने अपने भाषण में कुछ बातें अंग्रेजी में भी कहीं, जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘मित्रो, आज मैं बिहार की धरती से पूरी दुनिया को बता देना चाहता हूं कि भारत एक एक आतंकवादी और उनके आकाओं की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें सजा देगा। हम धरती के आखिरी छोर तक उनका (पहलगाम के हमलावरों का) पीछा करेंगे। आतंकवाद कभी भारत का मनोबल नहीं तोड़ पाएगा।