आमतौर पर कुछ ही दिनों में यह समस्या ठीक हो जाती है। लेकिन कई बार कमजोर इम्यूनिटी की वजह से छोटे बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। क्योंकि छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता है, जिसकी वजह से वह संक्रमण की चपेट में जल्दी आ सकते हैं। वायरल संक्रमण, बदलते मौसम और बैक्टीरिया की वजह से छोटे बच्चों को सर्दी-खांसी हो सकती है।
हालांकि यह समस्या अगर लंबे समय तक बनी रहती है या इसके साथ अन्य कई गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। तो पेरेंट्स के मन में चिंता होना स्वाभाविक है कि कहीं बच्चे को निमोनिया तो नहीं हो गया है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
सर्दी-खांसी की वजह से बच्चे का निमोनिया
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक निमोनिया एक संक्रमण है, जो बच्चे के फेफड़ों को प्रभावित करता है। क्योंकि जब बच्चे को सर्दी और खांसी होती है, तो उनके गले और श्वसन नलिका में सूजन आ सकती हैं। साथ ही इससे बच्चे को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
यदि इन लक्षणों का सही समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह संक्रमण श्वसन नलिका से होते हुए फेफड़ों तक पहुंच सकता है। इससे बच्चे को निमोनिया हो सकता है। बच्चे में निमोनिया के लक्षण जल्द और गंभीर रूप से दिख सकते हैं। इसलिए पेरेंट्स को सतर्क रहने की जरूरत है। सर्दी-खांसी का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह संक्रमण बढ़ सकता है और फेफड़ों में सूजन और जलन पैदा कर सकता है। यह निमोनिया की स्थिति में बदल सकता है।
बच्चे में निमोनिया के लक्षण
बच्चे को अचानक से तेज बुखार हो सकता है, जो सामान्य सर्दी और खांसी को बढ़ा सकता है।
अगर बच्चे की सांसें तेज हो सकती हैं या वह सामान्य रूप से सांस नहीं ले पाते। अगर बच्चे की छाती में धड़कन या फिर सांस लेने में उभार दिखाई दे तो यह निमोनिया का लक्षण हो सकता है।
बच्चे के शरीर में घबराहट हो सकती है, जिसकी वजह से वह सामान्य रूप से सांस लेने में असमर्थ हो सकते हैं।
शिशु को खांसी के साथ बलगम आ सकता है, जो उनके श्वसन तंत्र के संक्रमण का संकेत हो सकता है।