बिजली घर में अधिकारियों के साथ बैठक में शर्मा ने अधिकारियों से कहा कि बिजलीघर के सभी तकनीकी पहलुओं का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए, ताकि विद्युत उत्पादन प्रभावित नहीं हो तथा तकनीकी खराबी के कारण उत्पादन इकाइयों के ‘शट डाउन’ जैसी स्थिति से बचा जा सके।
उन्होंने सभी इकाइयों की विद्युत उत्पादन क्षमता की नियमित निगरानी करने के भी निर्देश दिए। आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नवीन तकनीक से कम लागत में प्रदेश के बिजली उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
वहीं, बिजली केंद्र में 100 मेगावॉट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जा चुका है। इन अहम निर्णयों से राज्य सरकार का किसानों को दिन में बिजली देने का संकल्प पूरा होगा।
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