अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली की बिजली व्यवस्था को ‘नुकसान पहुंचाने’ के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट किया, “पिछले दस सालों में हमने दिल्ली की बिजली व्यवस्था को ठीक करने के लिए कड़ी मेहनत की है। कहा जाता है कि किसी भी चीज को ठीक करने में सालों लग जाते हैं, लेकिन इसे सिर्फ दो दिनों में खराब किया जा सकता है।
केजरीवाल ने एक्स पर लिखा कि कल दिल्ली में पीक डिमांड 5462 MW थी। केवल इतने में ही कल रात पूरी दिल्ली में कई जगहों पर कई कई घंटे बिजली नहीं आयी। पिछले साल पीक डिमांड लगभग 8500 MW पहुँच गई थी। फिर भी हमारी सरकार के दौरान दिल्ली में कहीं बिजली नहीं गई। आने वाले हफ्तों में जब दिल्ली में गर्मी और बढ़ेगी और बिजली की डिमांड भी बढ़ेगी तो क्या होगा? उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में हमने दिल्ली के बिजली सिस्टम को बड़ी मुश्किल से ठीक किया था। कहते हैं किसी भी चीज़ को ठीक करने में बरसों लग जाते हैं लेकिन उसे ख़राब दो दिनों में ही कर दिया जाता है।
में बिजली की मांग 5090 मेगावाट (MW) तक पहुंच गई, जो इस सीजन में अब तक की सबसे अधिक मांग है। दिन में बाद में मांग में और वृद्धि होने की उम्मीद है। शहर में अब तक की सबसे अधिक बिजली की मांग 8656 मेगावाट थी, जो जून 2024 में दर्ज की गई थी। इस साल गर्मियों में, दिल्ली में पीक लोड इस सीजन में 9000 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। मंगलवार को दोपहर 3:30 बजे बिजली की मांग 5029 मेगावाट (MW) दर्ज की गई। बढ़ती गर्मी और कूलिंग उपकरणों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण मांग में यह वृद्धि हुई है। बिजली के बढ़ते इस्तेमाल के साथ-साथ दिल्ली में मौसम भी गर्म हो रहा है।