बच्चे को बार-बार नेबुलाइजर देना सेहत पर पड़ सकता है भारी,

कई बार बच्चे को नेबुलाइजर लगाने की सलाह देते हैं। इसके जरिए बच्चे को कंजेशन रिलीफ की जवा दी जाती है। जिससे बच्चे को सर्दी-जुकाम जैसी समस्या से राहत मिलती है। लेकिन बच्चे को हर बार सर्दी-जुकाम होने पर पेरेंट्स उनको हर बार प्रिसक्राइब दवा और नेबुलाइजर देने लगते हैं। जोकि बच्चे के सेहत के लिए काफी हार्मफुल हो सकता है। वहीं बार-बार ऐसा करना बच्चे की सेहत के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि बिना डॉक्टर के प्रिसक्राइब किए नेबुलाइजर देने के क्या नुकसान होते हैं।
नेबुलाइजर कब दिया जाता है

डॉक्टर बच्चों को नेबुलाइजर लगाने की सलाह तब देते हैं, जब उनको लोअर एयरवे की समस्या होती है या बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होती है। आमतौर पर बच्चे के चेस्ट की आवाज को स्टेथेस्कोप से सुनने के बाद ही डॉक्टर यह प्रिस्क्रिप्शन देते हैं। वहीं अगर बच्चे को सर्दी-जुकाम हुआ है, तो बिना स्टेथेस्कोप के आप यह नहीं जान सकते हैं कि उनको लोअर एयरवे की समस्या है या फिर अपर एयरवे की। ऐसे में बच्चे को नेबुलाइजेशन देना उनको हार्म पहुंचा सकता है।

जानिए स्टियरॉइड वाली दवा के नुकसान

आमतौर पर बच्चे के नेबुलाइजर में डाली जाने वाली दवा स्टियरॉइड होती है। जिसके अपने कुछ साइड इफेक्ट होते हैं। यदि डॉक्टर की सलाह के बिना इन दवाओं का बार-बार इस्तेमाल किया जाए, तो इससे बच्चा ज्यादा बीमार हो सकता है।

निमोनिया का खतरा

बता दें कि नेबुलाइजर के पाइप में पानी के कारण से नमी होती है। नमी की वजह से बैक्टीरिया पनपनते हैं। ऐसे में जब आप घर में काफी समय से रखी नेबुलाइजर मशीन को बच्चे को मुंह पर लगा देते हैं, तो उसमें मौजूद बैक्टीरिया बच्चे के चेस्ट में चले जाते हैं। जिसके वजह से बच्चे को निमोनिया का खतरा हो सकता है।

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