बीड मस्जिद विस्फोट मामले में भड़के अबू आजमी

मुंबई । समाजवादी पार्टी से विधायक अबू आजमी ने बीड ब्लास्ट को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला। न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में आजमी ने इसे साजिश करार देते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई। तंज कसा कि प्रदेश सरकार का ‘बुलडोजर’ अब शायद ‘पंचर’ हो गया है।
आजमी ने कहा, “लगता है इनका बुलडोजर पंचर हो गया है। क्या यह सरकार धर्म के आधार पर बुलडोजर की कार्रवाई करती है?”

दरअसल, महाराष्ट्र के बीड जिले में गेवराई तहसील के अर्धा मसला गांव में मस्जिद में हुए ब्लास्ट के बाद बीड पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनसे पूछताछ की जा रही है।

सोमवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान सपा विधायक अबू आजमी ने कहा कि यह सिर्फ ब्लास्ट नहीं है बल्कि आतंकवाद है। मैं समझता हूं कि इसकी कायदे के साथ जांच होनी चाहिए। यहां की सरकार छोटे-छोटे मुद्दों पर बुलडोजर की कार्रवाई करने में देर नहीं लगाती है। लेकिन, इस मामले में बुलडोजर की कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? क्या बुलडोजर पंचर हो गया है? क्या धर्म देखकर कार्रवाई की जाती है? इस घटना में जो भी दोषी है, उस पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। सख्ती से जांच होनी चाहिए।

कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी द्वारा शिक्षा नीति पर लिखे एक पत्र पर सपा सांसद अबू आजमी ने कहा कि बिल्कुल सही लिखा है। इतिहास की सच्चाई को संरक्षित किया जाना चाहिए, चाहे इसमें किसी की प्रशंसा हो या आलोचना। सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक तथ्यों को मिटाने का प्रयास पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

ईद पर सबको मुबारकबाद देते हुए सपा विधायक ने कहा कि ईद के मौके पर मैं सभी मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि यह 30 दिनों के रोजे के बाद अल्लाह की तरफ से दिया गया त्योहार है। भले ही हमारे किसी से मतभेद हों या हम उनसे बात न करें, हमें ईद पर उनसे मिलना चाहिए, उन्हें गले लगाना चाहिए, उन्हें ईद की मुबारकबाद देनी चाहिए और मिठाइयां बांटनी चाहिए। मैं सभी मुसलमानों से आग्रह करता हूं कि वे अपने पड़ोसियों को, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, आमंत्रित करें, उनका गर्मजोशी से स्वागत करें और इस अवसर को प्रेम और सद्भाव के साथ मनाकर ‘गंगा-जमुनी तहज़ीब’ को बनाए रखें।

केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) द्वारा राज्य के सांसदों से वक्फ संशोधन बिल को लेकर की गई अपील पर अबू आजमी ने कहा कि हमारे देश में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे बड़े संगठनों में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा और जमात-ए-इस्लामी समेत कई अन्य संगठन शामिल हैं। इन सभी ने वक्फ कानून में किसी भी संशोधन का विरोध किया है और कहा है कि वे किसी भी बदलाव को स्वीकार नहीं करेंगे।

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