हिंसा के बाद 51 राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

काठमांडू । नेपाल के बानेश्वर-टिंकुने और आसपास के इलाकों में शनिवार को तनाव कम होने के बाद कर्फ्यू हटा लिया गया।

अब तक 51 लोगों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है, जिनमें अधिकतर शीर्ष राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारी हैं। इनमें राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवींद्र मिश्रा, महासचिव धवल शमशेर राणा, स्वागत नेपाल, शेफर्ड लिम्बू, संतोष तमांग और कुछ अन्य नेता शामिल हैं।

नेपाल की पुलिस ने काठमांडू के तिनकुने में हुए राजशाही समर्थक प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तारियां तेज कर कर दी हैं।

राजशाही समर्थक प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में शुक्रवार को लोगों की मौत हुई, निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और आगजनी की गई।

नेपाल के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने काठमांडू पोस्ट को बताया, “शुक्रवार की आगजनी, बर्बरता, हत्याओं के कारण राजतंत्रवादियों के प्रति जनता की सहानुभूति और समर्थन में काफी कमी आई।”

“शुक्रवार की हिंसा के बाद विभिन्न हिंदू समर्थक और राजतंत्र समर्थक समूहों के बीच गहरे मतभेद की आशंका है। लेकिन, हम उनकी गतिविधियों को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे।”

बता दें शुक्रवार को जिला प्रशासन की ओर से कर्फ्यू लगाया गया था, क्योंकि सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई थी और 45 अन्य घायल हो गए थे।

प्रदर्शनकारी नेपाल में समाप्त राजशाही की बहाली की मांग कर रहे थे।

नेपाली समाचार आउटलेट अन्नपूर्णा एक्सप्रेस के मुताबिक तिनकुने में उस समय तनाव बढ़ गया जब लोगों ने सुरक्षा बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। जवाब में सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। बाद में, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए गोलियां चलाईं।

 

Check Also

ट्रंप ने की मतदाता पहचान को लेकर की भारत की तारीफ,

न्यूयॉर्क । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के मतदाताओं को अपने आधार कार्ड को …

21:01