प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत टैरिफ कम करने पर सहमत हो गया है। उन्होंने इस कथित सौदे पर चिंता व्यक्त की। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की वाशिंगटन यात्रा का उल्लेख करते हुए रमेश ने सवाल किया कि क्या सरकार भारतीय किसानों और निर्माताओं के हितों से “समझौता” कर रही है।
रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकियों के साथ व्यापार पर बात करने के लिए वाशिंगटन डीसी में हैं। इस बीच, राष्ट्रपति ट्रम्प ने यह कहा। मोदी सरकार ने किस बात पर सहमति जताई है? क्या भारतीय किसानों और भारतीय विनिर्माण के हितों से समझौता किया जा रहा है? 10 मार्च को जब संसद फिर से शुरू होगी, तो प्रधानमंत्री को संसद को विश्वास में लेना चाहिए। इसके अलावा, कांग्रेस ने अमेरिका पर टैरिफ ‘कटौती’ करने के इस कथित सौदे और डोनाल्ड ट्रम्प की टिप्पणियों को लेकर भारत सरकार की आलोचना की और इसे भारत का “अपमान” बताया।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने कहा – मैंने भारत की पोल खोल दी है, इसलिए अब वह अपने टैरिफ कम करने को मान गए हैं। ऐसा लग रहा है किसी ने भारत को धमकाया और अपनी बात मानने को मजबूर कर दिया। हमने जब से यह शब्द सुने, मन को बहुत दुख हुआ। कुछ हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका गए थे। उनकी मौजूदगी में भारत को रेसिप्रोकल टैरिफ के नाम पर धमकाया जा रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं कहा- ऊपर से मुस्कुरा रहे थे। यहां तक कि जब प्रधानमंत्री वहां से लौटे, तो उसके कुछ घंटों बाद एक हवाई जहाज भारत में उतरा, जिसमें हमारे लोग बेड़ियों से जकड़े हुए थे। ये देखकर बहुत दुख होता है।
कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, “अमेरिकी राष्ट्रपति कहते हैं कि वे भारत को बेनकाब कर रहे हैं। यह भारत का अपमान है। ट्रंप ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी ने उनसे डरकर टैरिफ कम किया। नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि ट्रंप को खुश करने के लिए क्या-क्या समझौते किए गए? देश की इज्जत क्यों गिरवी रखी गई?
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