चंडीगढ़। अमेरिका लगातार अपने देश से अवैध प्रवासियों को वापस भेज रहा है, और इसमें बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। हाल ही में एक विशेष विमान के माध्यम से कई भारतीयों को देश लौटाया गया, जिनमें से अधिकांश पंजाब से ताल्लुक रखते थे। पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया और समय बर्बाद किया।
बाजवा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार इस विषय पर केंद्र को दोषी ठहराकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही है, जबकि वास्तव में राज्य सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह पंजाब में मानव तस्करी और अवैध प्रवासन पर लगाम लगाए।
बाजवा ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों हर बार डिपोर्ट किए गए भारतीयों का विमान अमृतसर में ही उतरता है। उन्होंने कहा कि पंजाब को पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मुद्दों को लेकर बदनाम किया गया है और अब इसे अवैध प्रवासियों के लिए एक केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर पंजाब की छवि को धूमिल कर रही है और इसे एक नकारात्मक पहचान देने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर गए थे, तब उन्होंने वहां के राष्ट्रपति और अन्य उच्च अधिकारियों से इस विषय पर कोई चर्चा क्यों नहीं की। बाजवा ने यह तर्क दिया कि अमेरिका स्वयं एक प्रवासियों का देश है और वहां की अधिकतर आबादी मूल रूप से प्रवासी पृष्ठभूमि से आती है। ऐसे में भारतीयों के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों किया जा रहा है, यह एक बड़ा सवाल है।
बाजवा ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि अगर मुख्यमंत्री को सच में इन युवाओं की चिंता होती, तो उन्हें खाली हाथ अमृतसर जाने के बजाय उनके पुनर्वास के लिए किसी ठोस योजना के साथ जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कम से कम दस से पंद्रह लाख रुपये प्रति व्यक्ति की सहायता राशि की घोषणा करनी चाहिए थी, ताकि इन युवाओं को फिर से अपने जीवन को संवारने का अवसर मिल सके।
उन्होंने मांग की कि पंजाब पुलिस और राज्य सरकार इन ट्रैवल एजेंट्स पर तुरंत केस दर्ज करे और इनसे वह रकम वसूल करे, जो युवाओं ने विदेश जाने के लिए खर्च की थी। उनका कहना था कि अगर ये ट्रैवल एजेंट्स गलत तरीके से युवाओं को विदेश भेज रहे थे, तो उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे उनकी क्षति की भरपाई करें।
बाजवा ने कहा कि पंजाब को जानबूझकर आर्थिक रूप से कमजोर बनाया जा रहा है। सीमावर्ती राज्यों के साथ व्यापार के अवसरों को रोक दिया गया है और उद्योगों के विकास के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे। जब युवाओं के पास कोई विकल्प नहीं बचता, तो वे मजबूर होकर अवैध तरीके से विदेश जाने का प्रयास करते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है।
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