नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के बाद एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि बीते कुछ वर्षों में सरकार का फोकस पूंजीगत व्यय पर रहा है और इस बार खपत को भी बढ़ाने पर सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है।
एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 2024-25 के संशोधित अनुमान की तुलना में पूंजीगत व्यय में 10.23 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और यह बढ़कर 11.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह कोई सामान्य बात नहीं है कि संपत्ति निर्माण पर सार्वजनिक व्यय इस स्तर तक पहुंच गया है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार की ओर से पूंजीगत खर्च में किसी प्रकार की कटौती नहीं की गई है। इसके अतिरिक्त केंद्र ने राज्यों को पूंजीगत व्यय करने के लिए ब्याज फ्री फंड उपलब्ध कराया है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर हमेशा सरकार की प्राथमिकता रहेगा। सरकार का पूंजीगत व्यय इस साल जीडीपी का 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं, आने वाले साल में राजकोषीय घाटा 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
कोविड-19 महामारी के बाद से सरकार पूंजीगत व्यय में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि कर रही है और पिछले साल 11.11 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की घोषणा की गई थी। वित्त मंत्री ने कहा कि यह कहना सही नहीं होगा कि आम बजट 2025 पूंजीगत व्यय के मामले में कमजोर था।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार केवल उपभोग की ओर ही नहीं बढ़ी है, बल्कि वह उपभोग को भी साथ लेकर चल रही है और समग्र विकास को बढ़ावा दे रही है।
वित्त मंत्री ने एनडीटीवी से कहा, “हमने अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए गुणक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए पिछले पांच वर्षों में पूंजीगत व्यय किया और अब उपभोग को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है।
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