कनाडा के चुनावों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया था। संबंधों में तनाव के बीच आई विदेशी हस्तक्षेप आयोग की रिपोर्ट का कड़ा खंडन करते हुए, विदेश मंत्रालय ने कनाडा पर अवैध प्रवासन और संगठित आपराधिक गतिविधियों के लिए माहौल बनाने का आरोप लगाकर स्थिति को पलटने का प्रयास किया। दरअसल कनाडा ही भारत के आंतरिक मामलों में लगातार दखल देता रहा है। इससे अवैध प्रवास और संगठित आपराधिक गतिविधियों का माहौल भी तैयार हुआ है। हम भारत पर रिपोर्ट के आक्षेपों को खारिज करते हैं और उम्मीद करते हैं कि अवैध प्रवासन को सक्षम करने वाली सहायता प्रणाली को आगे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आयुक्त मैरी-जोसी हॉग के नेतृत्व में जांच में आरोप लगाया गया कि सरकार ने 2021 के चुनाव के दौरान पसंदीदा उम्मीदवारों को गुप्त रूप से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रॉक्सी एजेंटों का उपयोग करने का प्रयास किया होगा। इसने भारत को कनाडा में चुनावी हस्तक्षेप में संलग्न दूसरा सबसे सक्रिय देश करार दिया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप के प्रमुख रूप के रूप में दुष्प्रचार का भी उपयोग करता है। रिपोर्ट में खालिस्तानी अलगाववाद के बारे में भारत की कथित राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को लेकर देशों के बीच संबंधों में चुनौतियों का भी उल्लेख किया गया है।
जांच में पाया गया कि कनाडा में सांसदों द्वारा विदेशी सरकारों के साथ मिलकर देश के चुनावों में हस्तक्षेप करने की साजिश रचने का कोई सबूत नहीं था। यह रिपोर्ट भारत और कनाडा के बीच नवीनतम टकराव का बिंदु बन गई है क्योंकि प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 2023 में दावा किया था