ट्रेड पॉलिसी समेत इन कारणों से हुई भारी गिरावट

मुंबई । भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों एक प्रतिशत से अधिक फिसल गए। वहीं, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 4 प्रतिशत तक की कमजोरी देखी गई।
बाजार में भारी गिरावट का कारण खराब वैश्विक रुझान को माना जा रहा है।

अमेरिका में राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड नीतियों में लगातार अस्पष्टता बनी हुई है। हाल ही में अमेरिका द्वारा दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद अनिश्चितता और बढ़ी है, जिसका असर आज भारत समेत दुनिया के बाजारों पर देखने को मिला।

अमेरिका द्वारा यह टैरिफ कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो द्वारा अमेरिकी सैन्य डिपोर्टेशन फ्लाइट्स को रोकने के कुछ ही घंटों बाद लगाया गया था।

बाजार के जानकारों का कहना है कि गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को कोलंबिया में डिपोर्ट करने से रोकने के जवाब में लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ चिंता पैदा करते हैं। ट्रंप एक फरवरी से कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी पहले ही दे चुके हैं। अब सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रंप चीन और अन्य देशों पर भी सख्त टैरिफ लागू करेंगे। इसे लेकर बाजार में चिंताएं पैदा हो रही हैं।

इसके अतिरिक्त बाजार में गिरावट की वजह फेडरल रिजर्व की 28 से 29 जनवरी के बीच होने वाली बैठक को भी माना जा रहा है। ट्रंप द्वारा कार्यभार संभालने के बाद यह पहली बैठक है। माना जा रहा है कि फेड ब्याज दर स्थिर रखेगा। हालांकि, मार्च में कटौती हो सकती है।

भारतीय बाजारों के गिरने की एक वजह वैश्विक बाजारों का कमजोर होना है। एशियन ट्रेडिंग घंटों में अमेरिकी फ्यूचर्स में एसएंडपी 500 इंडेक्स एक प्रतिशत और नैस्डेक 100 इंडेक्स 1.9 प्रतिशत गिर गया। इसकी वजह चीन के कम लागत वाले एआई मॉडल डीपसीक के आने से दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियां जैसे एनवीडिया, ओपनएआई और गूगल का बिजनेस मॉडल प्रभावित होने की संभावना है।

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