महाराष्ट्र की राजनीति में आखिर चल क्या रहा है? हर कोई कंफ्यूज है. यहां पक्ष और विपक्ष का अंतर ही पट गया है. ऐसा लग रहा है कि राज्य में कांग्रेस को छोड़कर सभी पांचों पार्टियां महायुति सरकार का समर्थन कर रही हैं. शिवसेना उद्धव गुट और शरद पवार की एनसीपी तो खुलेआम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीख कर रहे हैं. खुद शरद पवार बार-बार फडणवीस का गुणगान कर रहे हैं. ऐसे में सबके मन में एक ही सवाल है कि क्या महाराष्ट्र में कुछ बदलाव होने जा रहा है.
दरअसल, राज्य में विपक्ष के महाविकास अघाड़ी के स्तंभ शरद पवार के बयान ने काफी राजनीतिक चर्चा छेड़ दी है. कुछ दिन पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जमकर तारीफ करने वाले शरद पवार ने अब मुख्यमंत्री फडणवीस का बचाव किया है. पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में शांति बनाए रखने का काम अकेले मुख्यमंत्री का नहीं है.
शनिवार को पुणे में पुनाता सरहद एवं महाराष्ट्र साहित्य परिषद की ओर से साहित्यकारों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में शरद पवार ने भी अपनी बात रखी. इसमें महाराष्ट्र की कई नामी हस्तियां शामिल हुईं. पवार ने कहा कि राज्य में शांति और एकता बनी रहनी चाहिए. परभणी और अन्य हिस्सों में शांति होना चाहिए. पवार ने कहा कि यहां आने से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से चर्चा की. कुछ गांवों में दहशत का माहौल है. राज्य में एकता कायम करना सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि जब यह विचार अंतिम व्यक्ति तक जायेगा तो एकता बनेगी. राजनीतिक विचार अलग हो सकते हैं लेकिन पवार ने कहा कि यह काम अकेले मुख्यमंत्री का नहीं, बल्कि हर किसी की जिम्मेदारी है.