महोबा ।मौसम की यू टर्न लेने के बाद भी बारिश न होने से अन्नदाता परेशान है और आसमान की ओर उम्मीद भरी नजरों से टकटकी लगाए बैठा है। बादल आने के बाद अचानक मौसम साफ हो जाता था। बारिश न होने से किसान को रबी की फसलों की पैसा खर्च कर सिंचाई करनी होगी।
बुंदेलखंड का किसान पिछले एक दशक से अति वर्षा ,ओलावृष्टि , और असमय बारिश और सूखा की मार झेल रहा है जिससे किसानों को खेती में नुकसान हो रहा है । खरीफ की फसलें बारिश की भेंट चढ़ने के बाद अब किसानों ने रबी की फसलों की बुवाई बड़ी उम्मीद से की है । जनपद में 60 फीसदी ज्यादा खेती मौसम पर आश्रित है । मौसम बदलने से किसान आसमान की ओर उम्मीद की टकटकी लगाए हुए हैं। जनपद के कबरई विकासखंड के गांव चिचारा , बरभौली, रीवन समेत अन्य कई गांवो के किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
किसान दिवाकर दत्त ,सत्येंद्र तिवारी, अरविंद राजपूत, बबलू चंसौरिया, दुष्यंत आदि ने बताया कि उनकी खेती मानसून पर आधारित है। इस बार चना मटर मसूर की फसल बोई है लेकिन अब तक बारिश न होने से खेतों की नमी गायब हो रही है ।जिससे फसलों के खराब होने का खतरा बढ़ गया है । हल्की बूंदाबांदी से फसलों को राहत जरूर मिली है लेकिन अब बारिश न होने से दो-तीन दिन में ही नमी पूर्णता खत्म हो जाएगी।