देहरादून । मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को सभी जनजातीय ग्रामों में कैम्प लगाकर जनजातीय समुदायों के लोगों को जनजाति प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ग्राम अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कार्य करने वाले सभी 17 विभागों को अपने नोडल अधिकारी नामित करने को कहा है।
मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कार्य करने वाले सभी 17 विभागों को अपने नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए। यह नोडल अधिकारी आगामी 27 सितम्बर को प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के संबंध में जनजातीय कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित मंथन शिविर में प्रतिभाग करेंगे।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों और संबंधित विभागों को सभी जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में कैम्प लगाकर पीएम उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन, विद्युतीकरण योजनाओं के शत-प्रतिशत कवरेज के निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारियों को आगामी 02 अक्टूबर को प्रधानमंत्री की ओर से प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर जिला स्तर पर चयनित प्रत्येक ग्राम में एक कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि 27 सितम्बर को प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के संबंध में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार की ओर से मंथन शिविर आयोजित किया जाना है। मुख्य सचिव ने इससे पूर्व सभी 17 विभागों को अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के लिए जनपद की सूचनाओं के लिए समन्वय स्थापित करने के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं।
07 जनपदों के 128 जनजाति बाहुल्य ग्रामों का चयन
उत्तराखंड राज्य में प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के क्रियान्वयन के लिए 07 जनपदों के 15 ब्लाॅक के 128 जनजाति बाहुल्य ग्रामों का चयन किया गया है। योजना का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदायों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार करना है, जिसके तहत बुनियादी सुविधाओं का विकास, आर्थिक सशक्तीकरण, अच्छी शिक्षा व स्वस्थ्य जीवन को प्रोत्साहित करना है।