नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में आईएएस स्टडी सर्कल में जलसैलाब से हुई तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार चार सह मालिकों को जमानत दे दी है। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने रेडक्रास को पांच करोड़ रुपये जमा करने की शर्त पर जमानत देने का आदेश दिया।
कोर्ट ने दिल्ली के उप राज्यपाल से आग्रह किया कि वे हाई कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करे, जो सुनिश्चित करेगी कि कोई भी कोचिंग सेंटर बिना वैध अनुमति के नहीं चलाया जा सके। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वो कोचिंग संचालित करने के लिए स्थान नीयत करें। आरोपितों का अपराध माफी लायक नहीं है और ये उनके लालच को दर्शाता है।
कोर्ट ने 12 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट ने जमानत याचिका पर 5 सितंबर को सीबीआई को नोटिस जारी किया था। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 23 अगस्त को तेजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। इसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इसके पहले तीस हजारी कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने चारों सह मालिकों की जमानत याचिका का निस्तारण करते हुए कहा था कि अब ये मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है, इसलिए याचिका सीबीआई कोर्ट में दाखिल करें। इस मामले में थार चालक मनुज कथूरिया को सेशंस कोर्ट पहले ही जमानत दे चुका है।
दिल्ली पुलिस ने 29 जुलाई को स्टडी सर्कल के चारों सह मालिकों और थार चालक को गिरफ्तार किया था। 28 जुलाई को कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोआर्डिनेटर देशपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में सात आरोपितों को गिरफ्तार गया था। दिल्ली पुलिस ने इन आरोपितों के अलावा बिल्डिंग मैनेजमेंट, सिस्टम की देखरेख करनेवाले निगमकर्मियों और दूसरे आरोपितों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 106(1), 115(2), 3(5) के तहत केस दर्ज किया है।