इस्लामाबाद, चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना (CPEC) के तहत आने वाली कई परियोजनाओं को देरी का सामना करना पड़ रहा है। इनमें पावर सेक्टर की भी कुछ परियोजनाएं हैं जो महामारी समेत कई कारणों से बाधित है। इस क्रम में पाकिस्तान ने 60 अरब डॉलर की लागत वाली CPEC के तहत आने वाली सभी परियोजनाओं को जल्द पूरा करने की कोशिश के तहत लेफ्टिनेंट आसिम बाजवा को हटाकर उनकी जगह खालिद मंसूर को प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया है। दरअसल पाकिस्तान में CPEC की कुछ परियोजनाओं की धीमी गति से चीन खुश नहीं है।

आसिम बाजवा की जगह नियुक्त किए गए खालिद मंसूर को कॉरपोरेट क्षेत्र में चार दशक का अनुभव है। बता दें कि बाजवा को इस परियोजना की कमान पाकिस्तान की सेना से सेवानिवृति के बाद 2019 में मिली थी। भारत CPEC को लेकर चीन के समक्ष विरोध दर्ज कराता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।

डॉन के अनुसार अरबों की लागत से तैयार होने वाले CPEC परियोजना पिछले तीन सालों में पूरी नहीं हो सकी है। पाक-चाइना रिलेशंस  स्टीयरिंग कमेटी ने सोमवार को इस परियोजना के तहत आने वाले प्रोजेक्ट के लिए एक महीने के भीतर एक समान नीति बनाने का निर्देश दिया। यह नीति CPEC के तहत आने वाले 3,600 मेगावाट के पांच परियोजनाओं के लिए CODs (Commercial operation dates) के लिए बनाने का निर्देश दिया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता योजना मंत्री असद उमर (Asad Umar) ने की।हाल  में CPEC से जुड़े कई चीनी नागरिकों पर हमले किए गए। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिनजियांग प्रांत से जोड़नेवाला सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एवं रोड इनिशिएटिव’ के तहत अहम परियोजना है।