नई दिल्ली । भारतीय वायु सेना की मेजबानी में पहली बार हो रहे बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ के दूसरे चरण की औपचारिक शुरुआत शुक्रवार से राजस्थान के जोधपुर में हो गई। इसमें शामिल होने के लिए बांग्लादेश के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, सिंगापुर और यूएई की वायु सेनाएं रेगिस्तानी इलाके में पहुंचीं हैं। यह पहला मौका है जब हेलेनिक वायु सेना भी इस अभ्यास में भाग लेने के लिए चार ग्रीक लड़ाकू जेट के साथ भाग लेने भारत आई है।
तरंग शक्ति का दूसरा और अंतिम चरण 14 सितंबर तक राजस्थान के जोधपुर में होगा। अभ्यास के दूसरे चरण में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, सिंगापुर, यूएई की वायु सेनाओं के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, विशेष ऑपरेशन विमान, मध्य हवा में ईंधन भरने वाले और हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (अवाक्स) विमान सहित 70-80 विमान रेगिस्तानी इलाके में पहुंचे हैं। इस अभ्यास में अमेरिका अपने एफ-16 और ए-10 विमानों के साथ भाग लेगा। इस चरण में 18 देश पर्यवेक्षकों के रूप में शामिल होंगे। अभ्यास का पहला चरण 6-14 अगस्त तक दक्षिण भारत के सुलूर में हो चुका है, जिसमें जर्मनी, फ़्रांस, स्पेन और ब्रिटेन की वायु सेनाओं ने हिस्सा लिया था।
भारत का हेलेनिक सशस्त्र बलों के साथ इसी साल अप्रैल में सैन्य सहयोग पर समझौता होने के बाद इतिहास में पहली बार ग्रीक के चार लड़ाकू जेट ‘तरंग शक्ति’ अभ्यास में भाग लेने के लिए भारत पहुंचे हैं। इससे पहले 2023 में ग्रीक में हुए बहुराष्ट्रीय अभ्यास ‘इनियोचोस’ में भारतीय सुखोई-30 ने भाग लिया था। अब हेलेनिक वायु सेना के चार लड़ाकू जेट एफ-16 भारत की मेजबानी में हो रहे हवाई अभ्यास में हिस्सा लेंगे, जिसमें हवाई युद्ध, रक्षात्मक और आक्रामक अभियान, जमीनी प्रतिष्ठानों और सतही लक्ष्यों पर हमला करना और विदेशी सेनाओं के साथ सहयोग शामिल है। ग्रीक के विमान पहले तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर पहुंचे, जहां उन्हें ईंधन दिया गया। इसके बाद ग्रीक लड़ाकू जेट विमानों ने दो भारतीय सी-130 विमानों के साथ जोधपुर के लिए उड़ान भरी, जो तकनीशियनों और उपकरणों को लेकर उड़ान भर रहे थे।